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रोटरी क्लब ऑफ बोकारो द्वारा “एक शाम कान्हा के नाम” सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

बोकारो (ख़बर आजतक) : रोटरी क्लब ऑफ बोकारो स्टील सिटी द्वारा रोटरी क्लब ऑफ बोकारो स्टील सिटी के जनवृत 4 स्थित क्लब परिसर में एक शाम कान्हा के नाम के नाम से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें क्लब के सदस्यों ने काफी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। अध्यक्ष रोटेरियन महेश कुमार गुप्ता एवं क्लब सचिव रोटेरियन हरदीप सिंह ने रेगुलर मीटिंग के उपरांत लेडीज़ कमिटी की अध्यक्ष रोटेरियन अलका गुप्ता को कार्यक्रम की बागडोर संभालने को कहा। तत्पश्चात श्री लड्डू गोपाल जी की छठियारी के उपलक्ष्य में बधाईयां गाई गई और श्री बांकेबिहारी जी को रुचरूच कर माखन मिश्री समेत अनेक प्रकार का भोग लगाया गया।


इसके पश्चात रोटेरियन अलका गुप्ता के नेतृत्व में रोटेरियन पुष्पा केजरीवाल,रोटेरियन संध्या राज, बिन्नी कक्कड़, रोटेरियन खोनेन लियू, कुंजला नारायण, रोटेरियन मानसी सहाना, रोटेरियन जसविंदर कौर, सुनीता जैन, रोटेरियन आरती रस्तोगी, रोटेरियन राखी बनर्जी, रोटेरियन पूनम त्रेहन, आयशा अग्रवाल इत्यादि सदस्यों ने अत्यंत मनमोहक नृत्य और नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी जिसमें रोटेरियन संध्या राज ने श्री कृष्ण जी की भूमिका का बेहद सजीव चित्रण करते हुए सबका दिल जीत लिया। अध्यक्ष रोटेरियन अलका गुप्ता ने नारद मुनि जी की भूमिका निभाई तथा उनकी उत्कृष्ट अदाकारी पर सारा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजायमान हो उठा। सत्यभामा की भूमिका में बिन्नी कक्कड़ और रुक्मणि की भूमिका में सुनीता जैन ने बहुत ही जीवंत प्रस्तुति दी और दर्शकों को द्वापर युग में दो महारानियों की चुहल और नोक झोंक की जीवंत अनुभूति का अहसास कराया।। इस तरह के कार्यक्रम की महत्ता बताते हुए अध्यक्ष रोटेरियन महेश कुमार गुप्ता ने कहा कि एक प्रकार से ऐसे कार्यक्रमों के मंचन द्वारा हम अपने आराध्य देवी देवताओं के चरित्र को अपने में समाहित करने और अपने आचरण और व्यवहार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने का कार्य करते हैं और उपस्थित दर्शकों को भी उत्तम जीवनशैली और आदर्श जीवन मूल्यों का वरण करने हेतु प्रेरित करते हैं।
इसी दौरान और भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिसमें क्लब के सदस्यों ने काफी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।
क्लब अध्यक्ष रोटेरियन महेश कुमार गुप्ता के कुशल नेतृत्व में क्लब के सभी सदस्यगणों को साथ लेकर चलने और सभी को उचित अवसर प्रदान करने की उनकी कार्यशैली का यह जीवंत उदाहरण था जिसमें सभी के सकारात्मक सहयोग ने इस कार्यक्रम को निःसंदेह सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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