झारखण्ड बोकारो राँची

लापरवाही : झारखण्ड मे अधूरे बैंक गारंटी पर उत्पाद विभाग का करोड़ों का काम अलॉट

काम RK को और बैंक गारंटी में गारंटी गार्डनरीच की

राँची (ख़बर आजतक): एक बार फिर झारखंड में उत्पाद विभाग की भारी लापरवाही सामने आ रही है जिसमें बैंक गारंटी का बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. हालांकि इस मामले में उत्पाद विभाग के कमिश्नर ने इसे टाइपिंग मिस्टेक की बात कह कर टाल दिया..

22 सितंबर को दी गयी बैंक गारंटी, तीन माह बाद टूटी विभाग की नींद, 4 करोड़ से ऊपर का खेल, बंदरबांट के कौन कौन जिम्मेदार

क्या है मामला

बैंक गारंटी (बीजी) आरके एंड कंपनी की तरफ से जेएसबीसीएल (झारखंड स्टेट विबरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड) को दी गयी है. लेकिन बीजी के संबोधन में जो लिखा गया है, वो झारखंड स्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड लिखा हुआ है ना कि झारखंड स्टेट विबरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड. दोनों कॉरपोरेशन में फर्क बस विबरेज शब्द का है. कंपनी जिस नाम पर बीजी दे रही है, उसमें बिवरेज शब्द का इस्तेमाल ही नहीं किया गया है. लेकिन बीजी में सभी जगह पता उत्पाद भवन का दिया गया है. ऐसे में बीजी गलत साबित होती है. लेकिन इसी बीजी पर कंपनी को आठ जिलों में शराब बेचने का काम मिला है. इस पूरे कागजात में जहां भी कंपनी की तरफ से जेएसबीसीएल को संबोधित किया जा रहा है, वो जेएसबीसीएल ना होकर झारखंड स्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड है. इससे अब तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कैसे गलत जानकारी वाली बीजी को उत्पाद विभाग ने सही माना और राज्य के आठ जिलों में शराब बेचने का काम दे दिया. पूरे बीजी को गौर से पढ़ने पर सिर्फ एक जगह झारखंड स्टेट बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड का नाम है..
30 नवंबर के उत्पाद विभाग के कार्यालय आदेश के मुताबिक उत्पाद विभाग की तरफ से आरके एंड कंपनी को पांच जिलों में शराब बेचने का काम दे दिया गया था, जो विवादों के घेरे में आ गया. दरअसल झारखंड में कोई प्लेसमेंट एजेंसी ज्यादा से ज्यादा तीन ग्रुप में शराब बेचने के लिए मैन पावर सप्लायी का काम कर सकता है. लेकिन पहले से दो ग्रुप में काम कर रही आरके एंड कंपनी को दो और ग्रुप में शराब बेचने का काम दे दिया गया. हालांकि विभाग की तरफ से इसे एक तत्कालीन व्यवस्था बताया गया था. जेएसबीसीएल के ऑपरोशन हेड ने कहा था कि यह एक तत्कालीन व्यवस्था है, जो 12 दिसंबर के टेंडर के बाद खत्म कर दिया जाएगा. लेकिन टेंडर की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पायी है. बताया जा रहा है कि दोबारा से टेंडर निकाला गया है जिसकी आखिरी तारीख पांच जनवरी है.
इस मामले मे इस मामले पर जेएसबीसीएल के ऑपरेशन हेड सुधीर कुमार के अनुसार बीजी में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है. बिना बात सवाल उठाया जा रहा है. संबोधन किसी के नाम का भी हो, करार जेबीसीएसएल के साथ का है.

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