नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): झारखण्ड में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले को मंगलवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान सांसद संजय सेठ ने रखा। सांसद संजय सेठ ने कहा कि जब से झारखंड में हेमन्त सोरेन की सरकार आई है तब से ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। झारखंड में विगत कई वर्षों से एक गंभीर समस्या चल रही है, हाल के दिनों में यह समस्या तेजी से बढ़ी है। इसका प्रतिरोध भी बढ़ा है। ईसाई मिशनरियों के द्वारा झारखंड में पहले से धर्मांतरण का कार्य किया जा रहा है। अब यह कार्य इस्लामिक संस्थाओं के द्वारा भी कराया जा रहा है। भोले भाले आदिवासियों को लोभ, लालच देकर, झूठा चमत्कार दिखाकर, सब्जबाग दिखाकर उनका धर्मांतरण किया जाता है। इस दौरान विशेष रुप से आदिवासी बेटियों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। उनकी जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। आदिवासी बहुल क्षेत्रों से उन्हें चुनाव तक लड़वाया जा रहा है। जो बेटियाँ यह सब करने को तैयार नहीं होती, इस्लाम नहीं कबूलती, उनकी हत्याएँ की जा रही है।
अभी 2 दिन पहले साहिबगंज से ऐसा ही एक मामला सामने आ चुका है।
संजय सेठ ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर देशव्यापी आंदोलन भी चल रहा है। पूर्व में झारखण्ड के वरिष्ठ सामाजिक प्रवर्तक रहे बाबा कार्तिक उरांव ने इसके खिलाफ आवाज उठाई थी परन्तु तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि जनजातीय सुरक्षा मंच के माध्यम से वर्तमान समय में एक देशव्यापी आंदोलन चल रहा है, जिसमें धर्मांतरित होने वालों का आदिवासी का दर्जा समाप्त करने की माँग की जा रही है। वर्तमान समय में ऐसे लोग आदिवासियों से जुड़ी योजनाओं व अन्य चीजों का लाभ लेते हैं और ईसाइयत – मुस्लिम के नाम पर अल्पसंख्यकों से जुड़ी योजनाओं का भी लाभ लेते हैं। कुछ दिन पूर्व माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी कह दिया है कि दवाएँ और अनाज आदि देना परोपकार है परन्तु इसके आड़ में धर्मांतरण गलत है।
सांसद संजय सेठ ने सदन के माध्यम से सरकार से आग्रह किया कि इस दिशा में कठोर कदम उठाए जाएँ ताकि झारखंड की आदिवासी बेटियाँ, उनकी जमीन, उनकी पहचान सब कुछ सुरक्षित रह सकें।