झारखण्ड बोकारो शिक्षा

वन संरक्षण की ली शपथ, डीएवी सेक्टर-4 में धूमधाम से मनाया गया वन महोत्सव

बच्चों ने लिया वृक्षारोपण का संकल्प, प्राचार्य ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

बोकारो (ख़बर आजतक) : प्रकृति पृथ्वी पर मानवीय संस्कृति की आश्रयदाता और पालक है। प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता को पोषित करना और उससे प्रदत्त उपहार के लिए कृतज्ञता प्रकट करते रहने की उद्देश्य से बच्चों में प्रकृति से जुड़े महोत्सव, त्यौहार हर वर्ष बनाए जाते हैं।
जुलाई महीने के प्रथम सप्ताह में इसी लक्ष्य के मद्देनजर 1950 में भारत के तत्कालीन केंद्रीय कृषि एवं खाद्य मंत्री कन्हैया लाल मानिक लाल मुंशी के द्वारा वन महोत्सव मनाने की प्रथा आरंभ की गई थी।
डीएवी संस्थान सेक्टर 4 द्वारा बच्चों में प्राकृतिक संसाधनों के प्रति स्नेह और संरक्षण का भाव जागृत करने के लिए इस वर्ष भी हर वर्ष की तरह वन महोत्सव मनाया गया। नुक्कड़ नाटक, पेड़ गीत, नारे, बैनर, क्विज, पोस्टर, भाषण, कविता आदि द्वारा बच्चों को पेड़ों की उपयोगिता और महत्ता से अवगत कराया गया।
नन्हे -नन्हे पौधे हाथ में लेकर कक्षा-3 से कक्षा-5 तक के बच्चों ने प्रतिज्ञा ली कि वो एक पेड़ अवश्य लगाएंँगे और एक माली की तरह उसकी देखभाल करेंगे।

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य श्री एस०के०मिश्रा ने कहा कि एक वृक्ष एक पुत्र के समान है जो निस्वार्थ भाव से हमें जीवनोपयोगी सभी संसाधन और प्राणवायु प्रदान करता है। विकास और आधुनिकता के इस दौर में आज असंतुलित रूप से पेड़ काटे जा रहे हैं और जंगल सिकुड़ रहे हैं। आज जरूरत है हर एक बच्चे को इस प्राकृतिक संकट और असंतुलन को समझने की और एक वृक्ष लगाकर वनों को पुनः हरा-भरा बनाने में अपना योगदान देने की। वन महोत्सव कार्यक्रम में बच्चों ने वृक्षारोपण के आंदोलन को प्रोत्साहित करता है। इस अवसर पर सभी शिक्षक वृन्द ने भी बच्चों से इस पुनीत कार्य को करने की अपील की।

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