झारखण्ड राँची

विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासियों ने लिया जल – जंगल – जमीन बचाने का संकल्प : केंद्रीय सरना समिति

रिपोर्ट : नितीश मिश्र

राँची(खबर_आजतक): केंद्रीय सरना समिति के तत्वाधान में शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर केन्द्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचन्द तिर्की के नेतृत्व में केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय कार्यालय से सैकड़ो की संख्या में आदिवासी समाज के लोग तीर धनुष, ढोल मांदर, नगाड़ा के साथ पारंपरिक नृत्य संगीत करते हुए अल्बर्ट एक्का चौक पहुँचे, जहाँ परमवीर अलबर्ट एक्का को माल्यार्पण कर पौधों का वितरण किया गया एवं बिरसा मुंडा समाधि स्थल पहुँचकर समापन किया गया।

इस मौके पर केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि 9 अगस्त 1994 को विश्व स्तर पर आदिवासी परंपरा संस्कृति एवं एकजुट को प्रदर्शित करने के लिए 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाने पर सहमति हुई। झारखंड राज्य बनने के बाद भी आदिवासियों की जल जंगल जमीन सुरक्षित नहीं हो पा रहा है। आदिवासियों को अभी तक सरना कोड नहीं मिल पाया है।

वहीं केन्द्रीय महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस में आदिवासी परंपरा संस्कृति बचाने, जल जंगल, जमीन बचाने का संकल्प लिया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न गाँव टोला के लोग शामिल हुए। काँके, बेड़ो, ओरमांझी, नामकुम, बोड़ेया, लेम करम टोली, कोकर एवं अन्य जगहों से लोग शामिल हुए।

इस मौके पर केन्द्रीय सरना समिति के उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का, सहाय तिर्की, संजय तिर्की, महिला शाखा अध्यक्ष नीरा टोप्पो, निशा भगत, रायमनी मुण्डा, उषा खलखो, नगिया टोप्पो, अमर तिर्की, ललित कच्छप, भुवनेश्वर लोहरा, शीला मिंज साथ ही अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष सत्यनारायण लकड़ा, जादो उराँव, बाना मुण्डा शामिल थे।

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