निर्मल महतो को पता था, झारखंड आंदोलन को लक्ष्य तक कौन पहुँचा सकता है, उनकी दूरदृष्टि का परिणाम है आजसू का गठन: सुदेश महतो
शहादत दिवस पर जमशेदपुर मे निकली ‘निर्मल डहर संकल्प यात्रा, आजसू के हजारों युवा जुटे
नितीश_मिश्र
राँची/जमशेदपुर(खबर_आजतक): आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि झारखंड के माटी पुत्र वीर शहीदों का कर्ज वर्तमान पर है। यह कर्ज उतारना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। निर्मल महतो की हत्या का सूत्रधार कौन हैं, इसे झारखंड जानना चाहता है। इसका पटाक्षेप होना चाहिए।
निर्मल महतो शहादत दिवस पर जमशेदपुर में आयोजित आजसू की ‘निर्मल महतो डर संकल्प यात्रा’ को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कही। बोधि मैदान (राजेंद्र विद्यालय) से निकली यह यात्रा निर्मल महतो समाधि स्थल उलियान तक गई। इस यात्रा में राज्य के अलग- अलग जगहों से पहुंचे पार्टी के कई नेता और हजारों युवा शामिल हुए। सुदेश महतो की अगुवाई में सभी लोगों ने निर्मल महतो को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस सभा को संबोधित करते हुए आजसू प्रमुख ने कहा कि निर्मल दा के साहस, मूल्य, आदर्श और विचार हमारे अंतर्मन में हमेशा के लिए बसे होते हैं। आजसू का गठन निर्मल दा की दृरदृष्टि और सोच का ही परिणाम था। दरअसल वे जानते थे कि झारखंड आंदोलन को लक्ष्य तक कौन पहुँचा सकता है। वीर निर्मल ने भाषा, संस्कृति, विचार, अस्मिता की रक्षा के साथ शोषणविहीन अलग प्रदेश की कल्पना की थी। अलग राज्य बना, पर शहीद के सपनों का झारखंड अधूरा है। उन्होंने कहा कि अभी समर शेष है। मौजूदा पीढ़ी और खासकर युवाओं का दायित्व है कि शहीद के अरमानों और राज्य गठन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए संघर्ष पथ चलते हुए इसे अंजाम तक पहुँचाए।
आजसू के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि निर्मल दा की शहादत जिन परिस्थितियों और अवस्था में हुई, उसमें दशकों बाद भी उनके चाहने और आदर्श मानने वालों का दिल कचोटता है और जानना चाहता है कि किन राजनीतिक षड़यंत्र के तहत उनकी हत्या की कई। इस कांड के सूत्रधार का पटाक्षेप होना चाहिए। शहादत दिवस पर हम सभी संकल्प लें कि सूत्रधार का पटाक्षेप भी होगा।
उन्होंने कहा कि हम सिर्फ किसी खास तारीख पर निर्मल दा को याद नहीं करते। वे हमारे लिए प्रेरणापुंज हैं। शहादत दिवस पर आज श्रद्धांजलि देने कई नामचीन लोग यहां आएँगे। जो पार्टी पाँच बार सत्ता शीर्ष पर रही, उसने निर्मल दा को शहीद का दर्जा तक नहीं दिया। हम इसके लिए भी प्रतिबद्ध हैं कि निर्मल दा की शहादत को इतिहास के पन्नों में दर्ज कराकर रहेंगे।
इस संकल्प यात्रा में पूर्व मंत्री रामचंद सहिस, विधायक डॉ लंबोदर महतो, पूर्व मंत्री उमाकांत रजक, डॉ देवशरण भगत, हरेलाल महतो, गौतम सिंह आदि संबोधित किया।