नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): राज्यपाल, झारखंड के शैक्षणिक सलाहकार के द्वारा निर्धारित विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यशालाओं के तहत शुक्रवार को स्कूल ऑफ़ मॉस कम्युनिकेशन, आरयू राँची में विश्वविद्यालय के अधिकारियों, संकयाध्यक्षों, विभागाध्यक्षों एवं वरीय प्राध्यापकों के लिए ‘दस्तावेज़ीकरण एवं संचार’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस विषय पर सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष डॉ. मधुमिता दास गुप्ता ने शोध की बारीकियों से लोगो को अवगत करते हुए कहा कि “शोध के बिना दस्तावेज़ीकरण संभव नहीं है।
मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. अर्चना दूबे ने अपने संबोधन में कहा कि भाषा के क्षेत्र में किसी एक पुस्तक पर निर्भर रहने से शोध हेतु दस्तावेज़ीकरण खतरनाक है। इसके लिए कई पुस्तकों का अध्ययन ज़रुरी है।
विज्ञान के संकायाध्यक्ष डॉ. कुनुल कान्दिर ने वक्तव्य में कहा कि आज के दौर में पौधों और वातावरण से जुड़े तत्वों का दस्तावेज़ीकरण आवश्यक है क्योंकि यह प्रायः लुप्त होते जा रहे हैं।
इस दौरान वरिष्ठ अध्यापक डॉ. राजकुमार शर्मा ने कहा कि मानविकी संकाय में शोध हेतू तीन चीज़ों की आवश्यकता पड़ती है – विवरण, व्याख्या और विश्लेषण।
इस कार्यशाला का संचालन राँची विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव डॉ. प्रीतम कुमार ने किया।
इस अवसर पर राँची विश्वविद्यालय के उप निदेशक – CVS डॉ. स्मृति सिंह, मास कम्युनिकेशन के निदेशक प्रो. बी. पी. सिन्हा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आशीष झा, कुलानुशासक डॉ. बी. आर. झा, वाणिज्य संकाय अध्यक्ष डॉ. ए. के. चटोराज एवं अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष डॉ. विष्णु चरण महतो आदि उपस्थित थे।