साधना साधक के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण: स्वामी परिपूर्णानन्द
नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): श्री श्याम मन्दिर में श्री श्याम मंडल द्वारा आयोजित महाशिवपुराण के चतुर्थ दिवस पर शिव – पार्वती विवाह प्रसंग होने के कारण समय से पूर्व ही भक्तों की उत्साहित व उमंगयुक्त भीड़ मन्दिर परिसर में पहुँचकर भारी उत्साह एवम उमंग का दर्शन कर रही थी। इस दौरान सायं 4 बजे स्वामी परिपूर्णानन्द जी के व्यास पीठ पर विराजमान होने के पश्चात व्यास पीठ का पारंपरिक पूजन – वन्दन के बात महाशिव पुराण का चतुर्थ सोपान प्रारम्भ हुआ। स्वामी परिपूर्णानन्द जी कहते हैं कि शीश गंग अर्धग पार्वती सदा विराजत कैलाशी भगवान शिव पार्वती के साथ पुण्यभूमि काशी में निरन्तर निवास करते हैं साथ ही जब स्वामी जी के मुख से कृपा की न होती आदत तुम्हारी, तो सुनी ही रहती अदालत तुम्हारी भजन के बोल निकले तो सम्पूर्ण मन्दिर परिसर शिव भक्ति में लीन हो तालियाँ बजती हुए सुध बुध खो बैठा।
स्वामी परिपूर्णानन्द जी ने कहा कि साधना साधक के जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है – मावन जीवन में निरंतर साधना करते रहना चाहिए – साधना से ही भगवत प्राप्ति हो सकती है , साथ ही विभिन्न प्रकार के दोनों की विस्तृत महत्ता बताते हुए स्वामी जी ने कहा की गुरु के मुख से वेद – शास्त्र का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए ताकि मनुष्य के हर कर्म शुभ कर्म हो। यज्ञ , दान एवम तप ही मनुष्य को शुद्ध करता है – सुरिष्टि का आधार तप है – अतः तप का त्याग कभी नहीं करना चाहिए।
स्वामी परिपूर्णानन्द जी आगे कहते हैं कि – शिव पूजन से पाप कर्म नष्ट होते हैं एवम पुण्य कर्मों की प्राप्ति होती है । तामसी कामना का सदैव त्याग करना चाहिए साथ ही दूसरे को दुख देने की कामना न करें – अपने अंत: करण को शुद्ध रखें – शुद्ध अंत: करण वाले मनुष्य को ही प्रभु प्राप्त होते हैं।
इस दौरान आगे व्याख्यान में स्वामी परिपूर्णानन्द कहते हैं पंचाझर नमः शिवाय का निरंतर जाप करें साथ ही ओम सक्षम है और नमः शिवाय स्थूल है । सदाशिव शंकर कहते हैं – मेरे भक्त का कभी नाश नहीं हो सकता है – मेरे व्याख्यान को जो तन्मय होकर सुनता है अथवा सुनवाता है वह इस लोक में सब प्रकार के सुख भोगकर मोक्ष को प्राप्त करता है। इस अवसर पर सम्पूर्ण महाशिव पुराण पर मधुर भजनों के लिए प्रत्येक दिन स्वामी परिपूर्णानन्द के साथ शिव व्याख्यान के दौरान शशि तिवारी , सत्य प्रकाश जी साथ अपने मधुर वाणी से सुनील तिवारी समाधुर वादन एवम गायन से भक्तों को रिझा रहे हैं ।
आज के प्रसंग विराम देने के पश्चात पूर्ण विधि – विधान एवम भारी उमंग व उत्साह के साथ शिव – पार्वती विवाह संपन्न हुआ।
इस व्याख्यान के विराम के पश्चात अजय सरावगी एवं उनके परिवार द्वारा आज के महाआरती की गई एवं भक्तों के बीच प्रसाद वितरण के साथ शुक्रवार के कार्यक्रम का समापन किया गया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रणव मोदी, नमन पाड़िया, अनुराग, पीयूष, मनोज ढांढनीयाँ, महेश सारस्वत , जीतेश अग्रवाल , ज्योति पोद्दार , अभिषेक डालमिया, अजय रुंगटा का सहयोग रहा।