नितीश मिश्र, राँची
राँची (ख़बर आजतक) : राजद प्रदेश महासचिव सह मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने आरएसएस के कार्यवाहक सरसंघचालक दत्तात्रेय होसबोले और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा संविधान की मूल प्रस्तावना से “धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद” शब्द हटाने की बात पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे लोकतंत्र और संविधान पर सीधा हमला बताया।

यादव ने कहा कि भारत एक सेक्युलर और लोकतांत्रिक देश है, जहां अनेक धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोग सह-अस्तित्व में रहते हैं। आज भी देश की बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे है और 80% आबादी 5 किलो मुफ्त अनाज पर निर्भर है। ऐसे में धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद जैसे शब्द गरीबों, वंचितों और बहुजनों के अधिकारों की सुरक्षा का प्रतीक हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस की संविधान विरोधी मंशा लोकसभा चुनाव में “400 सीट” जीतकर संविधान बदलने के दावे से पहले ही उजागर हो चुकी है।
कैलाश यादव ने कहा कि राजद किसी भी कीमत पर संविधान से छेड़छाड़ नहीं होने देगा और इसे बचाने के लिए हर लोकतांत्रिक संघर्ष को तैयार है।
उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर और अन्य जननायकों की विरासत को सुरक्षित रखने की अपील की।