आगामी पीढ़ी को स्वस्थ जीवन देना हमारा प्रथम दायित्व: समरी लाल
नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): भाजपा के नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने बारह पड़हा देवउत्थान जतरा मेला के उद्घाटन समारोह में कहा कि जल, जंगल, जमीन की रक्षा और जियो और जीने दो के मंत्र के साथ हमारे आदिवासी समाज अपनी जीवन पद्धति के साथ जिंदगी गुजार बसर कर रहे है। यदि किसी को जीने का सही तरीका जानना है तो उन्हें कुछ दिन आदिवासियों के बीच जरूर रहना चाहिए। आदिवासी समाज का एक महत्वपूर्ण पर्व यात्रा मिला है और इस वर्ष बारह पड़हा देवउत्थान जतरा मेला का 200 वर्ष पूर्ण हो रहा है। इस पूजा के लिए सभी राज्यवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं है।
उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति पीढ़ी दर पीढ़ी मिल रही है, हमारे पूर्वजों ने अपनी संस्कृति को सदियों तक संभाले रखा है और अब यह हमारा दायित्व है कि हम अपनी कला संस्कृति को आने वाली पीढ़ी के लिए ठीक उसी तरह संभाले रखें जैसा हमें हमारे पूर्वजों ने दिया है। हमारा सनातन धर्म जो हजारों लाखों वर्ष पुराना है, उसे आज खंडित करने का कार्य समाज के ही कुछ भटके हुए लोग कर रहे हैं। जब हमने गुलामी और तलवार की नोक पर अपनी सनातन धर्म को मिटने नहीं दिया तो आज तो हम आजाद देश के नागरिक हैं और हमारे पास बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के दिए हुए अधिकारों का हथियार भी है।
उन्होंने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हम सभी अपनी संस्कृति को मिटने ना दें और आने वाली पीढ़ी को भी अपनी संस्कृति वरदान के रूप में दें।
इस दौरान मेला में आए लोगों को संबोधित करते हुए काँके विधायक समरी लाल ने कहा कि यह मेला सदियों से लगता आ रहा है और हम सभी एकजुट होकर इस मेले में अपनी भागीदारी देते हैं। हमें आज अपनी संस्कृति और कला को बचाने की जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ी भी अपने समाज को एक स्वस्थ जीवन दे सके।
बारह पड़हा देवउत्थान जतरा मेला के उद्घाटन से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी एवं काँके विधायक समरी लाल ने पूजा अर्चना की। वही उनका स्वागत पारंपरिक रूप से किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला परिषद के सदस्य मनोज बाजपेयी, सुषमा देवी, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य सीताराम रवि, प्रदेश महामंत्री रंजय भारती, मोर्चा के मंत्री कमलेश राम, विशाल वाल्मीकि, मोर्चा के प्रदेश कार्यालय मंत्री जोगिंदर लाल, समिति के अध्यक्ष बिहारीलाल महतो, सचिव पनेलाल महतो, कोषाध्यक्ष रामजतन महतो, उत्कल शाहदेव, गोपाल महतो आदि उपस्थित थे।