नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): बीआईटी मेसरा के निदेशक, आईक्यूएसी एवं डीन, एडमिशन प्रो सुधीर दास ने कहा कि उच्चतर शिक्षा हेतू एकेडमिक गुणवत्ता अत्यंत आवश्यक है। आईक्यूएसी की भूमिका इसमें और महत्वपूर्ण हो जाती है। इसमें लगातार क्वालिटी इंप्रूवमेंट की भी आवश्यकता होती है। इसीलिए अध्ययनरत विद्यार्थी इस प्रक्रिया में प्रत्यक्ष रूप से शामिल हों। वे सरला बिरला विश्वविद्यालय में आईक्यूएसी द्वारा ‘एक्रीडिटेशन रिक्वायरमेंट्स इन यूनिवर्सिटी’ विषय पर आयोजित एक्सपर्ट टॉक के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने अध्ययन और अध्यापन से जुड़े अंतरराष्ट्रीय मॉडल पर भी अपनी बात कही। प्रिंसिपल ऑफ पीडीसीए ( प्लान टू चेक आर्ट) पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने सतत् गुणवत्ता के महत्व की बात की।
इस अवसर पर अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के महानिदेशक प्रो. गोपाल पाठक ने बीआईटी और एसबीयू की अकादमिक गुणवत्ता की बात उपस्थित श्रोताओं के समक्ष कही। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता को संस्थान के विकास के लिए अत्यंत जरूरी करार दिया। साथ ही शिक्षकों और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के उत्साहवर्धन पर जोर दिया।
सरला बिरला के प्रभारी कुलपति डॉ. अरबिंद भंडारी ने एक्रीडिटेशन से जुड़े मानकों की चर्चा करते हुए उद्योग की अपेक्षाओं पर जानकारी दी। उन्होंने अकादमिक रूपरेखाओं पर भी प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. नित्या गर्ग के विषय प्रवेश से हुई। वहीं स्वागत भाषण डॉ. संदीप कुमार और धन्यवाद प्रस्ताव डॉ. अतुल कर्ण ने दिया।
इस दौरान डीन डॉ. नीलिमा पाठक, हरि बाबू शुक्ला, बृज भूषण पाण्डेय, आनन्द विश्वकर्मा समेत विवि के अन्यान्य शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
वहीं विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान और डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा ने इस कार्यक्रम के आयोजन पर अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की।