नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): केन्द्रीय सरना समिति के प्रतिनिधिमंडल बुंडू प्रखंड अंतर्गत दशम फाल पनसकाम कुंजराम हर्टिंग चावली कोलाद आदि गाँव का दौरा किया जिसमें सरहूल पर्व में भाग एवं ग्रामीणों संग पारंपरिक नृत्य संगीत किया उत्साह मनाया एवं आदिवासी परंपरा संस्कृति रीति रिवाज के बारे में जाना समझा।
केन्द्रीय सरना समिति केन्द्रीय अध्यक्ष फूलचन्द तिर्की ने कहा कि चैत के पूरे महीने में आदिवासी विभिन्न गाँव टोला में सरहूल मानते हैं, गाँव में ही संस्कृति बस्ती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सरहूल के पावन पर्व को धूमिल करने में लगे हैं। कहीं आदर्श आचार्य संहिता का उल्लंघन किया जा रहा है तो कहीं सरना झंडा को जलाया जा रहा है। ऐसे में समाज को असामाजिक तत्वों से सावधान रहने की जरूरत है। आदिवासी को आपस में लड़ाने का षड्यंत्र रचा जा रहा है प्रशासन षड्यंत्रकारीयो को अविलंब चिन्हित कर कार्रवाई करें।
इस मौके पर केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की, उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का, रायमुनि पूर्ति, नमित हेमरोम, नीरा टोप्पो, विमल मुण्डा, सोनी कुमारी, फूलमनी कुमारी, पनसकाम के मुखिया एवं सरपंच शामिल थे।