डिजिटल डेस्क
रांची (ख़बर आजतक) : साहिबगंज के रबिका पहाड़िन हत्याकांड के सभी दोषियों को फांसी की सजा से कम ना हो इसकी व्यवस्था करें हेमंत सोरेन सरकार ।
उपरोक्त बातें आज झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता पूर्व प्रत्याशी हटिया विधानसभा क्षेत्र विजय शंकर नायक ने आज कहीं । इन्होंने आगे कहा की झारखंड राज्य के लिए सबसे विभत्स पहला हत्याकांड है जो दिल्ली की बहुचर्चित श्रध्दा हत्याकांड के तर्ज पर झारखंड के साहिबगंज के बोरियों मे इस दर्दनाक वारदात को अंजाम दिया गया । रबिका पहाड़िन की हत्या कर शव को 50 टुकड़ों टुकड़ों में करने के सभी दोषियों को फांसी की सजा से कम ना हो पुलिस और सरकार ऐसी व्यवस्था करे ताकि ऐसे दर्दनाक और विभत्स घटनाओं को अंजाम देने से पहले अपराधी हजार नहीं लाख बार सोचने को विवश हो ।
श्री नायक ने आगे कहा कि इधर कुछ दिनों से संथाल परगना क्षेत्र में महिलाओं पर एक से एक विभत्स और दर्दनाक घटनाक्रम ,अत्याचार दर्दनाक हत्याएं की घटनाएं में काफी वृदि हो रही है जो समाज एवं राज्य के लिए चिंता का विषय है । इन्होंने यह भी कहा कि इससे पूर्व भी कई घटना उक्त क्षेत्रों में हुई है इससे पहले एक छात्रा को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की घटना भी शामिल है ऐसी घटनाएं समाज को विचलित करती है महिलाओं के अंदर इससे भय व्याप्त रहता है इसलिए सरकार को यह सोचना होगा कि ऐसे अपराधियों को कडी से कडी ऐसी सजा सुनिश्चित कराई जाए ताकि ऐसे अपराधी कोई भी घटना करने से पहले बार-बार सोचने के लिए मजबूर हो ।
श्री नायक ने आगे कहा कि झारखंड राज्य में महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं खासकर दलित आदिवासी महिलाओं पर हत्या बलात्कार अत्याचार अमानवीय व्यवहार की घटनाएं लगातार बढ़ रही है अभी इससे पूर्व मे ही दिन दहाड़े अरगोड़ा चौक मे सुषमा बडांइक को गोली मारकर हत्या का प्रयास किया गया फिर बीआईटी मेसरा की छात्रा को भुजाली मारकर हत्याकांड को अंजाम दिया गया कल ही जलडेगा थानान्तर्गत क्षेत्र की एक नाबालिग के साथ रात्री मे दुष्कर्म करने का प्रयास किया गया दुष्कर्म करने मे असफल होने पर अपराधियों ने उसके पिता और भाई को जम कर मारा पिटा गया तथा जान से मारने की धमकी भी दिया गया कि किसी को खबर करोगे तो जान से मार देंगें आज पीडीत परिवार इन अपराधियों के डर से अपने गांव से पलायित होने को मजबूर है जो इस बात को साबित करता है कि अपराधियों को कानून का डर नहीं है और उनका मनोबल उच्च स्तर पर बढ़ा हुआ है जो चिंता का विषय है ।
श्री नायक ने आगे यह भी कहा कि महिलाओं से जुड़े सभी अत्याचार हत्या बलात्कार की घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए इन सभी मुकदमों को फास्टट्रैक में सुनवाई किया जाए और एक डेड लाइन भी खींचा जाए कि किसी भी हालत में 6 माह से अधिक सुनवाई या सजा दिलाने में समय नहीं दिया जाएगा और कम से कम समय में मुकदमों की सुनवाई कर सजा मुकर्रर करने का काम किया जाए ताकि बढ़ते महिलाओ के उपर हो रहे अपराध की घटनाओं को रोका जा सके ।