नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): प्रधानमंत्री के निर्देश पर सीएमपीडीआई ने 437 सक्रिय और परित्यक्त कोयला खदानों का मानचित्रण व जल गुणवत्ता मूल्यांकन किया। अध्ययन में पाया गया कि ये खदानें प्रति वर्ष लगभग 2.076 करोड़ किलोलीटर अतिरिक्त जल दे सकती हैं, जो मामूली उपचार के बाद घरेलू, औद्योगिक और कृषि उपयोग के लिए उपयुक्त है। झारखंड सहित छह राज्यों में 22 पायलट परियोजनाएं चुनी गई हैं, जहां उपचारित जल का उपयोग सिंचाई, सामुदायिक आपूर्ति और बोतलबंद पानी में किया जाएगा। यह पहल स्वच्छ जल, स्वच्छता और जलवायु कार्रवाई के लिए भारत की सतत विकास लक्ष्यों की प्रतिबद्धता को मजबूती देती है और स्थानीय समुदायों को लाभ पहुँचाती है।