रांची (ख़बर आजतक): झारखंडी समाज को दिग्भ्रमित करने वाले आजसु सुप्रीमो सुदेश महतो को खतियान आधारित स्थानीय नीति एंव नियोजन नीति के संदर्भ मे बोलने का एक पैसे का नैतिक अधिकार नही है. उपरोक्त बातें आज झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक सह आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने आजसुपा के महाअधिवेशन में खतियान आधारित नियोजन एवं स्थानीय नीति के संदर्भ में दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया में कहीं । इन्होंने यह भी कहा की आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो राज्य निर्माण के बाद वर्ष 2000 से ही सत्ता की मलाई भारतीय जनता पार्टी के साथ खाती रही है । 15 वर्षों तक सत्ता में बनी रही तब खतियान आधारित नीति और नियोजन निति की चर्चा नहीं की उल्टे सता की स्वार्थ में रघुवर दास के कार्यकाल में बनाए गए 1985 की स्थानीय नीति पर उसे समय के कैबिनेट मंत्री एवं वर्तमान सांसद गिरिडीह चंद्र प्रकाश चौधरी ने आजसुपा की ओर से समर्थन देकर उसे पर हस्ताक्षर करने का काम कर 1985 के स्थानीय नीति को बनाने का काम किया था* और जिस दिन 1985 की रघुवर सरकार की स्थानीय नीति बनी थी उस दिन गिरिडीह के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी लड्डू बटवाने का काम कर रहे थे । श्री नायक ने आगे कहा कि अब जबकि सत्ता से आजसुपा बाहर हो गई है सत्ता की मलाई से वंचित हो रही है तो अब झारखंडी जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए एक नया सीगुफा खतियान आधारित स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति की बात कर रही है और झारखंड ही जनमानस को बुड़बक बनाने का काम कर रही है । एक तरफ आजसुपा पार्टी 1985 वाले स्थानीय नीति की नियोजन नीति की समर्थन करती है और उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करती है और दूसरी ओर महाधिवेशन में खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति की बात करती है जिससे स्पष्ट होता है की आजसुपा झारखंडी समाज के बीच में दोरंगी राजनीति करने का काम कर रही है जहां खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति की बात करनी थी कैबिनेट में उस जगह वह 1985 की स्थानीय नीति की समर्थन करती है और जहां 1985 स्थानीय नियोजन नीति का विरोध करना था वहां पर खतियान आधारित स्थानीय नीति की बात करती है। इन्होंने आगे कहा कि आज सुदेश महतो की राजनीति को झारखंडी जनता ने समझने का काम किया है जिसका परिणाम भी झारखंडी जनता ने सुदेश महतो को हराकर देने का काम किया था । जब सत्ता में रहती है तो भारतीय जनता पार्टी की भाषा बोलती है और जब सत्ता से बाहर होती है तो झारखंडी समाज के हित की बात करती है ऐसे दोमुहा नीति वाले नेताओं से झारखंडी समाज को होशियार रहने की आवश्यकता है ।
श्री नायक ने आगे कहा की सत्ता से बाहर होने से आजसूपा सत्ता के लिए झारखंडी समाज की बात कर रही है और पुनः जिस दिन सत्ता की मलाई मिलने का काम करेगा उसे दिन फिर झारखंडी विरोधी लोगो के साथ मिलकर सत्ता की मलाई चाटने का काम करेंगे और झारखंडी विरोधी कार्यों को अंजाम देने का कार्य करेंगे ।आज झारखंडी जनता आजसूपा और सुदेश महतो के नीति से अवगत हो चुकी है अब इनके बहकावे में कभी नहीं आने वाली है और ना ही इन्हें अब कभी सता की मलाई चाटने को मिलने वाली है ।