बोकारो (ख़बर आजतक): : स्वदेशी जागरण मंच द्वारा स्वदेशी के हुतात्मा बाबू गेनू के बलिदान दिवस को स्वदेशी दिवस के रूप में मनाया गया। सर्वप्रथम मंच के राष्ट्रीय मेला प्रमुख सचिंद्र कुमार बरियार व जिला संयोजक कुमार संजय ने बाबू गेनू ,भारत माता आदि के तस्वीर पर पुष्पर्जन व दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम किया शुभारंभ किया। बतौर मुख्य अतिथि बरियार ने कहा कि बाबू गेनू का जन्म महालुंगे पडवल में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने बंबई में एक सूती मिल में काम किया । वह विदेशी निर्मित कपड़े के आयात के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में भागीदार थे। 12 दिसंबर 1930 को, मैनचेस्टर के जॉर्ज फ्रेज़ियर नाम का एक कपड़ा व्यापारी फोर्ट क्षेत्र में पुरानी हनुमान गली में अपनी दुकान से विदेशी निर्मित कपड़े का भार मुंबई बंदरगाह पर ले जा रहा था। उनके अनुरोध के अनुसार उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई। कार्यकर्ताओं ने ट्रक न हटाने की विनती की, लेकिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को एक तरफ कर दिया और ट्रक को आगे बढ़ाने में कामयाब रही। कालबादेवी रोड पर भांगवाड़ी के पास, बाबू गेनू ट्रक के सामने खड़े होकर महात्मा गांधी की प्रशंसा कर रहे थे । पुलिस अधिकारी ने ड्राइवर को बाबू गेनू के ऊपर ट्रक चलाने का आदेश दिया, लेकिन ड्राइवर ने यह कहते हुए इनकार कर दिया “मैं भारतीय हूं और वह भी भारतीय है, इसलिए, हम दोनों एक दूसरे के भाई हैं, फिर मैं अपने भाई की हत्या कैसे कर सकता हूं?” इसके बाद अंग्रेज पुलिस अधिकारी ने बाबू गेनू के ऊपर ट्रक चढ़ा दिया और उसे कुचल दिया उसी दिन से 12 दिसंबर को बाबू गेनू का बलिदान दिवस सा स्वदेशी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर अजय चौधरी, यू.एन.सिंह, मनीष श्रीवास्तव,अशोक रंजन, दिलीप वर्मा, विनोद चौधरी ,अजय सिंह, दीपक कुमार सहित अन्य उपस्थित थे.