नितीश_मिश्र
राँची(#खबर_आजतक) प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि झारखण्ड के 8000 से अधिक अनुबंधित चिकित्सा कर्मियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल और आमरण अनशन के कारण पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा बदहाल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि विशेष रुप से ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही रेफरल हॉस्पीटल और सदर अस्पतालों में भी एएनएम, जीएनएम, लैब टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट तथा अन्य पदों पर कार्यरत अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल से खास तौर से ग्रामीण परेशान हैं क्योंकि उनके सामने स्वास्थ्य सेवा के सीमित विकल्प मौज़ूद हैं।
इस दौरान बंधु तिर्की ने राज्य सरकार विशेष रुप से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से यह अनुरोध किया है कि वे इस हड़ताल और आमरण अनशन की तुरंत समाप्ति के लिए पहल करें और सम्बंधित कर्मचारी संघो को वार्ता के लिए बुलाएँ।
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि अपनी सेवा के नियमितीकरण के लिए सरकार को शीघ्र ही उच्च स्तरीय समिति का गठन करना चाहिए और उसकी रिपोर्ट के आधार पर इन सभी स्वास्थ्य कर्मियों को अविलम्ब स्थायी किया जाना चाहिए। बंधु तिर्की ने कहा कि यदि स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से कार्यरत इन अनुबंध कर्मियों को रिक्तियों के विरुद्ध बहाल किया गया था और इसमें नियमानुसार आरक्षण रोस्टर का पालन किया गया है तो उन कर्मियों की माँग को गलत नहीं ठहराया जा सकता।
उन्होंने कहा कि अपनी सेवा के स्थायीकरण की माँग पर अनुबंधित चिकित्साकर्मी राजभवन के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे हैं और उनमें से अधिकांश झारखण्ड के आदिवासी-मूलवासी ही हैं। अनशन के कारण अनेक आंदोलनरत स्वास्थ्यकर्मियों की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा है।