नितीश मिश्र, राँची
रांची (ख़बर आजतक) : भोगनाडीह की घटना को लेकर झारखंड की सियासत गरमा गई है। आजसू पार्टी प्रमुख एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश महतो ने भोगनाडीह में सिदो–कान्हु के वंशजों और ग्रामीणों पर किए गए लाठीचार्ज को लेकर राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि शहीदों के नाम पर राजनीति करना और उनके वंशजों को ही श्रद्धांजलि देने से रोकना बेहद शर्मनाक है। सरकार ने आंसू गैस और लाठीचार्ज से शहीदों की भावना का अपमान किया है।
रांची में सिदो-कान्हु की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद मीडिया से बात करते हुए सुदेश महतो ने कहा कि झामुमो केवल सिदो–कान्हु के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल कर रही है। हूल की मूल भावना और आदिवासी अस्मिता से उसका कोई वास्ता नहीं है। उन्होंने पूछा, “क्या इसी दिन के लिए शहीदों ने बलिदान दिया था?”

आजसू के मुख्य प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने कहा कि हूल किसी एक पार्टी की जागीर नहीं है। उन्होंने भोगनाडीह में वंशजों को रोके जाने को अलोकतांत्रिक बताया। वहीं झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने सरकार पर आदिवासियों की भावना से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।
इधर, आजसू पार्टी ने राज्यभर में हूल दिवस पर सिदो-कान्हु को नमन किया। रांची के सिदो–कान्हु पार्क में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में भारी बारिश के बीच सुदेश महतो समेत कई नेताओं ने प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर सुदेश महतो ने कहा कि हूल सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना की प्रेरणा है। आज के समय में एक नई हूल की आवश्यकता है जो झारखंड में स्वशासन, सामाजिक न्याय और समृद्धि की नींव रखे।
कार्यक्रम में डॉ देवशरण भगत, प्रवीण प्रभाकर, हसन अंसारी, निर्मला भगत समेत बड़ी संख्या में नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।