नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): सरहूल पूजा महोत्सव एवं अन्य धार्मिक सामाजिक मुद्दों को लेकर बुधवार को केन्द्रीय धूमकुडिया भवन में विभिन्न सरना संगठनों की बैठक रखी गई। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय सरना समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने किया। इस बैठक में सरहूल पूजा को शांतिपूर्ण ढंग से एवं धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया एवं निर्णय लिया गया कि सभी सरना संगठन को एकजुट कर सरहूल पूजा महोत्सव मनाया जाएगा।
केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचन्द तिर्की ने कहा कि फगुआ के बाद से ही सरहुल मनाया जाता है। इस वर्ष राजधानी राँची में 10 अप्रैल को उपवास एवं केकड़ा मछली पकड़ना है 11 अप्रैल को पूजा एवं दिन की 1:00 से सरहूल शोभायात्रा निकाली जाएगी।
उन्होंने कहा कि बाबा कार्तिक उराँव ने आदिवासी परंपरा संस्कृति को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए 1970 में पहली बार केन्द्रीय सरना समिति के नेतृत्व में सरहूल शोभायात्रा निकाला था। बाबा कार्तिक उराँव के मार्गदर्शन पर चलकर समाज के लोग अपनी परंपरा संस्कृति के अनुसार शोभायात्रा में शामिल हो रहे हैं। 2023 का सरहूल शोभायात्रा विश्व के पाँचवा स्थान पर था। सरहूल शोभायात्रा को नंबर वन बनाने के लिए समाज को एकजुटता दिखानी होगी। उन्होंने सरकार से माँग किया कि सरहुल शोभायात्रा में हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्प वर्षा कराई जाए।
वहीं जगलाल पहान ने कहा कि सरहुल शोभायात्रा समय से निकल जाए एवं उन्होंने कहा कि सरहुल शोभायात्रा को धूमधाम से एवं शांतिपूर्ण ढंग से मनाने के लिए सभी को एक मंच पर आना होगा।
केंद्रीय सरना समिति के पूर्व अध्यक्ष अजय लिंडा ने कहा कि सरहूल शोभायात्रा में परंपरा संस्कृति के अनुसार ढोल मान्दर नगड़ा के साथ शामिल हो।
इस मौके पर केन्द्रीय सरना समिति की उपाध्यक्ष प्रमोद एक्का, विनय उराँव आदि उपस्थित थे।