झारखण्ड बोकारो

48वाॅ चिन्मय विद्यालय ज्ञान विज्ञान मेला सफलतापुर्वक मनाया गया

समृद्ध भारत विषय पर 400 से अधिक माॅडल बनाऐ गये।
वेज्ञानिक सोच से समृद्ध भारत का निर्माण : कुंदन कुमार

बोकारो (ख़बर आजतक) : चिन्मय विद्यालय बोकारो में 48 वाॅ वार्षिक ज्ञान विज्ञान मेला परंपरा एवं आधुनिकता के मणिकांचन योग लिए सोल्लास संपन्न हुआ। कुल 25 स्टॉल में 400 से अधिक छात्रों ने प्रकृति एवं तकनीकी विषय पर अपनी वैज्ञानिक सोच पर आधारित सृजन क्षमता को प्रदर्शित किया। इस वर्ष का थीम था समृद्ध भारत सुरक्षित विश्व । इस प्रदर्शनी में छात्रो ने 21वीं शदी के उभरते एवं सशक्त भारत की विभिन्न उपलब्थियो पर आकर्षक परियोजनाओ के माध्यम से जानकरी दी।


इस प्रदर्शनी के मुख्य अतिथि कुंदन कुमार मुख्य महा प्रबंधक नगर प्रशासन बोकारो इस्पात संयंत्र एवं श्रीमती आरती कुमारी को विद्यालय के छात्रों ने तिलक मिश्री अर्पित कर स्वागत किया । तत्पश्चात विद्यालय के प्राचार्य श्री सूरज शर्मा ने उन्हें गुलदस्ता भेट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि थे – परम पुज्या स्वामिनी संयुक्तानंद सरस्वती(आचार्या चिन्मय मिशन बोकारो), बिश्वरूप मुखोपाध्याय (अध्यक्ष) , आर.एन.मल्लिक(कोषाध्यक्ष), सूरज शर्मा (प्राचार्य) एव उप- प्राचार्य नरमेन्द्र कुमार । सभी अतिथियों ने मंत्रोच्चारण के साथ दीप प्रज्वलित किया। मुख्य अतिथि सहित सभी उपस्थित अभिभावकों का स्वागत करते हुए प्राचार्य सूरज शर्मा ने कहा कि इस महान आयोजन मे भाग लेनेपर आप सभी का स्वागत करते हुए मुझे अपार हर्ष हो रहा है । चिन्मय विद्यालय के छात्र-छात्राओ मे वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के लिए हमेशा ही प्रयत्नशील रहा है। देश और समाज में वैज्ञानिक सोच का निर्माण हो । इसलिए प्रत्येक वर्ष विशाल ज्ञान-विज्ञान मेला का आयोजन किया जाता है जिसमे छात्र विज्ञान तर्क एवं सृजन क्षमता का परिचय देते हैं।


मुख्य अतिथि श्री कुंदन कुमार स्वयं एक कुशल प्रबंधक एवं वैज्ञानिक सोच से संपन्न महान व्यक्तित्व है । विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि श्री कुंदन कुमार ने कहा कि भारत विकसित हो रहा है। समृद्ध भारत संपूर्ण विश्व की सुख शांति के लिए अति आवश्यक है। विश्व में आज भारत की महत्वपुर्ण भूमिका होती जा रही है। भारत विश्व की महाशक्ति बने इसके लिए तकनीकी विकास की आवश्यकता है। यह तभी संभव है जब आप जैसे छात्र विज्ञान में रुचि ले और भविष्य की तकनीकी की खोज करें । इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए समृद्धि एवं सशक्त भारत जैसे प्रदर्शनी की आवश्यकता है। इस से राष्ट्र प्रेम एवं राष्ट्र सेवा की भावना बलवती होती है । आप नए-नए अन्वेषण में जुड़ जाते हैं इसलिए यह ज्ञान विज्ञान मेला आज के भारत के लिए अति प्रासंगिक है । अपने उदबोधन के बाद मुख्य अतिथि ज्ञान-विज्ञान मेला ’’ समृद्ध भारत सुरक्षित विश्व’’ के शुरूआत की घोषना की। इस के पश्चात विद्याल्य समिती के अध्यक्ष बिश्वरूप मुखोपाध्याय एवं प्राचार्य सूरज शर्मा ने मुख्य अतिथि श्री कुंदन कुमार एवं श्रीमती आरती कुमारी को साॅल स्मृति चिन्ह एवं पुस्तक भेट किया। उद्घाटन होते ही मुख्य अतिथि सहित सभी विशिष्ट अतिथि एक-एक स्टाॅल पर जाकर बच्चों से बातचीत कर उनकी वैज्ञानिक दृष्टि को समझने की कोशिश करते दिखे।
इस बार एक विशिष्ट स्टाॅल लगाया गया- साहित्य एवं प्रकृति । बड़े-बड़े साहित्यकारों ने प्रकृति को किस प्रकार देखा है और सॅवारा है इसकी झलक यहां मिली ।


इस साल ज्ञान विज्ञान मेला मे 20 स्टाॅल लगाये गये थे । इस प्रदर्शनी का थीम समृद्ध भारत सुरक्षित विश्व रखा गया था। जिसके अंतर्गत सब थीम थे – हयूमिटी इन डाइवर्सिटी, टेस्ट ऑफ इंडिया, संस्कृति संगम, इंडियन ट्रांसपोर्टेशन व मास कम्युनिकेशन, डिफेंस ऑफ इंडिया, इंडियन एग्रीकल्चर, इंडियन फेस्टिवल्स, गवर्नेंस एंड डिप्लोमेसी, टाइमलेस ब्रिलियंस भारतीय शिल्पशास्त्र, आत्मनिर्भर भारत में विज्ञान की भूमिका, नेचर्स फार्मेसी, एस्ट्रोनॉमी, बायोमेडिकल साइंस डेवलपमेंट, एंटरप्रेन्योर्स एज, हिंदी-भारत की पहचान, सेवा क्लब, शारीरिक शिक्षा, खेल कुद मानविकी अर्थशास्त्र, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, गणित, संस्कृत, इंग्लिश विषयो पर कक्षा नर्सरी से 11 वीं तक के छात्र-छात्रो ने आकर्षक माॅडल बनाये और सभी को प्रभावित किया।
प्रदर्शनी में 21वीं सदी के बढ़ते भारत के विभिन्न पहलुओं पर मॉडल एवं चार्ट के माध्यम से विस्तृत जानकारी प्रदर्शित की गई । चाहे वह संस्कृति हो , आर्थिक नीति हो, वैज्ञानिक एवं सैन्य उपलब्धि हो या फिर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का ग्रोथ हो । सबसे बड़ी दिलचस्पी भारत वाइब्रेंट डेमोक्रेसी काउंटर पर देखी गई जहां छात्रों ने वोट के महत्व को समझाया। चुनाव में भागीदारी के प्रति जागरूकता उत्पन्न कराया। उन्हें वी.वी पैट के माध्यम से वोट डालने की विधि की जानकारी दी सभी आगंतुक वी.वी पेट में वोट डालकर सेल्फी पॉइंट पर सेल्फी लेते देखे गए। इतिहास , संस्कृति, साहित्य, गणित, विज्ञान, अर्थशास्त्र, कला-संगीत एवं खेल-कुद में भारत की उपलब्धियो को दर्शाया । उसका बड़े ही रोचक एवं वैज्ञानिक तरीकों से प्रस्तुतीकरण किया गया । हर एक स्टॉल पर निर्णायक मंडली ने जाकर कई तरीकों से प्रोजेक्ट का निरीक्षण एवं परीक्षण किया । छात्रों से कई सवाल किया और प्रदर्शनी के अंत में विजेताओं के नाम भी घोषित किए गए। इस ज्ञान-विज्ञान मेला में जिन विषयों पर स्टाल लगाए गए थे उनके नाम इस प्रकार हैं
आयोजन को सफल बनाने में ज्ञान-विज्ञान मेला के समन्वयक शैवाल गुप्ता विभिन्न स्टाॅल के प्रभारी सभी शिक्षक शिक्षकेतरगण भरपुर सहयोग किया एवं छात्र परिषद के सदस्यो ने सकारात्मक भुमिका निभाई ।

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