झारखण्ड धार्मिक बोकारो

6 जून को वट सावित्री व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, महत्व सहित अन्य जानकारी पंडित कैलाश शास्त्री से…

बोकारो (ख़बर आजतक) : ज्येष्ठ माह में कई बड़े व्रत- त्योहार पड़ रहे हैं जिसमें से वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए काफी खास होता है। हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। की स्थानों में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है।

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इस दिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं  वट यानी बरगद के पेड़ की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ कच्चा सूत या फिर सफेद धागा बांधती है। बोकारो के पंडित कैलाश शास्त्री के अनुसार इस साल वट सावित्री व्रत पर शनि जयंती भी पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत 6 जून 2024 को रखा जा रहा है। जानें वट सावित्री व्रत का शुभ मुहूर्त, महत्व और क्यों रखा जाता है ये व्रत…

वट सावित्री व्रत 2024 की तिथि

ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि आरंभ-  05 जून की शाम को 07 बजकर 54 मिनट से
ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि समाप्त- 6 जून को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर
वट सावित्री व्रत तिथि- 6 जून 2024 , गुरुवार

वट सावित्री व्रत 2024 पूजा शुभ मुहूर्त

पूजन का शुभ मुहूर्त- 6 जून को 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर होगा।
अमृत काल समय- 6 जून को सुबह 05 बजकर 35 मिनट से सुबह 07 बजकर 16 मिनट तक

सफलताक्यों मनाते हैं वट सावित्री व्रत?हिंदू पौराणिक कथा के अनुसार, सावित्री ने भगवान यमराज को भ्रमित कर उन्हें अपने पति सत्यवान के प्राण को लौटाने पर विवश किया था। इसी के कारण हर साल सुहागिन महिलाएं अपने पति की सकुशलता एवं दीर्घायु की कामना करते हुए वट सावित्री व्रत रखती हैं।वट सावित्री व्रत का महत्ववट सावित्री व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं बरदग की पूजा करने तक निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद बरगद के पेड़ की कोपल खाकर अपना व्रत को खोलती हैं। मान्यता है कि इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए सोलह श्रृंगार करके वट वृक्ष की पूजा करती हैं। ऐसा करने से अच्छा स्वास्थ्य के साथ-साथ लंबी आयु का वरदान प्राप्त होता है

वट वृक्ष पूजन मंत्र

अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते।
पुत्रान्‌ पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते।।
यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले।
तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मा सदा।।

ज्येष्ठ पूर्णिमा की वट सावित्री व्रत 2024 कब?

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास में दो बार वट सावित्री व्रत रखा जाता है। जहां वट सावित्री व्रत अमावस्या तिथि को 6 जून को रखा जा रहा है। वहीं ज्येष्ठ पूर्णिमा 21 जून 2024 को सुबह 07.बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 22 जून को सुबह 06 बजकर 37 मिनट तक है। इसलिए 21 जून को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। इसके साथ ही इस दिन हिंदू पंचांग के अनुसार, पूजा का समय 21 जून को सुबह 05 बजकर 24 मिनट तक सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक है।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी ख़बर आजतक की नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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