राज्य में संचालित 40 हजार से निजी विद्यालयों के बगैर राज्य में शिक्षा की बात बेईमानी : आलोक दूबे
नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): झारखंड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उराँव ने कहा कि व्यवस्था ही कुछ ऐसी है कि सरकारी स्कूलों में क्वालिटी शिक्षा कतिपय कारणों से नहीं हो रहे हैं,गरीब से गरीब अभिभावक भी अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजते हैं। शिक्षकों को मैं इसके लिए दोषी नहीं तयमानता हूॅं। पासवा के प्रदेश कार्यालय के उद्धघाटन के मौके पर झारखण्ड सरकार के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उराँव अपने संबोधन में उद्गार प्रकट कर रहे थे। हरमू चौंक स्थित प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के कार्यालय का उद्घाटन करते हुए डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने 80 उत्क्रमित विद्यालय खोलकर एक अच्छी शुरुआत की है लेकिन अभी भी और बहुत कुछ करने की जरूरत है, सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले सभी स्कूल अच्छे तब होंगे जब सभी स्कूलों को बेहतर बनाया जाएगा। मैं गाँवों में जहाँ भी जाता हूं जगह-जगह प्राइवेट स्कूल देखता हूँ। उन्होंने मीडियाकर्मियों से प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि निजी विद्यालयों की परेशानियों को दूर करने की दिशा में पासवा अच्छा काम कर रही है, मैं भी पासवा के साथ जुड़ गया हूँ। बुनियादी जरूरतों से भी महत्वपूर्ण शिक्षा है। हर सरकार की जिम्मेदारी होती है शिक्षा मुहैया कराने की, जब मैं दिवंगत शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो जी से बात करता था तो वह लगातार इस बात की ओर ध्यान देते थे प्राइवेट स्कूलों को भी हमें आगे बढ़ाने के प्रयासों में मदद करना करना चाहिए। पासवा ने पिछले वर्ष ऐसे बच्चों को सम्मानित किया था जिन्होंने किसी कारण वश 80 प्रतिशत नम्बर लाये थे जबकि ऐसा नहीं था कि 80 प्रतिशत वाले बच्चे किसी से कम होंगे, संभवतः इस वर्ष भी पासवा ऐसे बच्चों को सम्मानित करेगी।
इस उद्धघाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए पासवा प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने कहा कि झारखंड में शिक्षा का प्रचार प्रसार करने एवं बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना पासवा का मुख्य उद्देश है और इसी के मातहत पूरे राज्य में शिक्षा के प्रचार प्रसार के लिए आज कार्यालय का उद्घाटन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में संचालित 40 हजार से अधिक निजी विद्यालयों के बगैर राज्य में शिक्षा की बात बेईमानी है।लेकिन साथ ही साथ शिक्षा को व्यवसाय समझने वालों को आगाह किया जाता है कि झारखंड के भोले-भाले आदिवासियों एवं गरीबों को लूटना बन्द करें। कोचिंग संस्थानों में एवं शिक्षण संस्थानों में अनाप शनाप फीस लेकर आर्थिक दोहन करने की मानसिकता को बन्द करें। पासवा शिक्षा के प्रचार-प्रसार के राज्य सरकार से संवाद करेगी और बेहतर माहौल तैयार करेगी।
राष्ट्रपति अवार्डी फलक फातिमा ने कहा कि शिक्षा में बेहतर कार्य एवं सामाजिक कार्यों को लेकर महामहिम ने मुझे सम्मानित किया जो गर्व का विषय है। आज बच्चों में अपार संभावनाएं हैं और हर क्षेत्र में अवसर है। पासवा के साथ मिलकर हम सभी शिक्षा के बेहतरी के लिए ईमानदारी पूर्वक कार्य करेंगे ताकि हमारा झारखण्ड पूरे देश और दुनिया में नाम रौशन करे।
पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने झारखंड पासवा अध्यक्ष आलोक दूबे और उनकी पूरी टीम को बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि झारखंड पासवा ने कम समय में अपनी अलग पहचान बना ली है जिसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि पासवा देश भर के बच्चों एवं अभिभावकों के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ बातचीत कर समय-समय पर शिक्षा के महत्व को लेकर चर्चा करती रहती है और संगठन का यह प्रयास निरंतर जारी है। झारखंड में भी शिक्षा के बेहतरी के लिए एक मजबूत एवं कारगर संगठन तैयार हो रही है, उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ही झारखण्ड आऊँगा।
इस उद्धघाटन समारोह में स्थानीय पार्षद अरुण झा, अमरेन्द्र सिंह, अभिषेक साहू, संजीत यादव, विनोद सिन्हा, बबलू वर्मा, डॉ सुषमा केरकेट्टा, सुभोजित अधिकारी, राशीद अंसारी, अल्ताफ अंसारी, पूर्वी सिंहभूम जिला अध्यक्ष रमण झा, कुमुद रंजन, नवीन कुमार सिंह, एकता भारती, चारुबाला कुमारी, सुमन कुमारी, अभिषेक साहू, संजीत यादव, मनीष पाठक आदि उपस्थित थे।