रिपोर्ट : सुमन सिंह
जमशेदपुर (ख़बर आजतज) लोक आस्था सूर्योपासना का महापर्व कार्तिक छठ शुक्रवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया नहाय-खाय के दिन घर आंगन को पानी से धोकर साफ-सुथरा किया, व्रतियों ने नदी घाट जाकर स्नान किया. वहाँ जो ती नदी घाट नही जा सके वे पर पर गंगाजल डालकर गंगा स्नान का फल प्राप्त किये. नदी घाट स्नान करने वाले व्रती अपने साथ वहां का जल भी लेकर आये, जिसे पूजा तथा प्रसाद बनाने के उपयोग किया गया. अरवा चावल का भात चना दाल का दाल तथा लौकी की सब्जी बनाकर का ग्रहण किया. सब्जी तथा दाल में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया गया, जबकि सब्जी में लहसून व प्याज पूरी तरह से
वर्जित रहता है. प्रसाद के रूप में ग्रहण किया. साथ ही अपने यहाँ खाना घर के सभी परिवार भी परिचित को भी प्रसाद के रूप खिलाया गया प्रसाद ग्रहण से पहले धोयेंगे शाम को प्रसाद के लिए व्रतियों ने सूर्य को प्रसाद अर्पित अरवा चावल व गुड़ से निर्मित किया. चढ़ाये गये प्रसाद को व्रती मी माता को खिलाया. इस विधान से पूजा करने पर व्रती के पूरे परिवार को लाभ होता है. इस दौरान बती शुद्धता का पूरा ख्याल रखते हैं.
खरना आज, सूर्य को पहला अर्घ्यं कल शनिवार को खरना है, व्रत में खरना का विशेष महत्व है. सुबह से व्रती घर आंगन की साफ-सुथरा कर खरना की तैयारी करते हैं. मिट्टी से बने गुहा पर ही खरना का प्रसाद बनाया जाता है. इसलिए व्रती मिट्टी के चु बनाने लग जाएंगे. इसमें जलावन के रूप में आम के लकड़ी का इस्तेमाल किया जाएगा स्नानादि कर पूजा में इस्तेमाल होने वाले सभी बर्तनों को
आज से शुरू हो जाएगा 36 घंटे का निर्जला व्रत शनिवार शाम खरना के प्रसाद ग्रहण के बाद 36 घंटे तक चलने वाला निर्जला छठ व्रत शुरु हो जाएगा. इस दौरान
व्रती पानी समेत कुछ भी ग्रहण नही करेंगे रविवार को शाम को पहला अर्ध्य तथा सोमवार को प्रातः ब्रह्मांड के साक्षात भगवान सूर्य को दूसरा अयं दिया जाएगा. पूजा के दौरान महिला बती शुद्धता का पूरा ख्याल रखती हैं. परिजन भी बी का ख्याल रखते हैं, दूसरा अ अर्पित करने के पश्चात ही व्रती सर्वत समेत खाने के कुछ ग्रहण कर पारण करेंगी. छाये बादलों के बीच व्रतियों
(रसिया) खीर तथा रोटी बनाकर भगवान भाष्कर तथा छठ मईयां की अर्पित कर पूजा अर्चना करेंगी, इसके बाद ही प्रसाद को ग्रहण करेंगी. खरना के प्रसाद का विशेष महत्व है. पंडितों के अनुसार प्रसाद के ग्रहण करने मात्र से कई बिगड़े काम सफल हो जाते है छठ मईयां की इस महिमा को लेकर खरना का प्रसाद ग्रहण करने के लिए लोग व्रतियों के पर जरूर पहुंचते हैं बड़ी श्रद्धा से खरना का प्रसाद ग्रहण करते हैं.
ने सुखाया गेंहू पिछले दो दिनों से शहर समेत कोल्हान का मौसम का मिजाज बदला हुआ है, इसी क्रम में आज शुक्रवार को भी छाये बादलों के बीच छ प्रसाद के लिए गेहू सुखाया गया. मालूम हो छतपर्व पर आटा के बने ठेकुआ प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है.