नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): 19वीं सदी की महान समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले के जन्म जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए स्वतंत्र निदेशक सह भाजपा प्रदेश प्रवक्ता लवली गुप्ता ने कहा कि भारत जैसे देश में जहाँ आज भी महिलाओं के साथ कई तरह के भेदभाव होते है। आज भी महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए संघर्ष करना पड़ता है, वैसे में उस कालखंड में जहाँ रूढ़िवादी सोच पूरे समाज में व्याप्त थी वैसे समाज में सावित्रीबाई फुले ने महिलाओं की शिक्षा के लिए बात उठाई और लड़ाई लड़कर महिलाओं को सबल किया। सावित्रीबाई फुले उनमें से एक है जो समाज में सार्थक बदलाव के लिए न केवल भागीदार बनी बल्कि खुद भी एक आदर्श प्रस्तुत किया। उन्होने महिलाओं को शिक्षित किया, कन्या भ्रूण हत्या पर रोक के लिए कदम उठाए, विधवा पुनर्विवाह को बढ़ावा देने के लिए सार्थक प्रयास किया। महिलाओं से जुड़ी उस समय की तमाम समस्याओं पर सावित्रीबाई फुले ने अपने पति ज्योति बा फूले के साथ कदम से कदम मिलाकर महिलाओं को सशक्त करने के लिए लड़ाई लड़ी और महिलाओं की शिक्षा के लिए आवाज उठाने वाली सावित्रीबाई फुले भारत के प्रथम कन्या विद्यालय में प्रथम महिला शिक्षिका बनीं।
इस दौरान भाजपा नेत्री लवली गुप्ता ने कहा कि सावित्रीबाई फुले ने शिक्षा के माध्यम से महिलाओं को सफलता पाने की अलख जगाई। स्त्री के जीवन की दिशा और दशा बदलने में अहम भूमिका निभाई। आज विज्ञान और तकनीक की दुनिया से लेकर राजनीति, खेल, सेना और न्यायपालिका तक आधी आबादी अपना दखल बना चुकी हैं। आज उनके जन्म जयंती पर हम सभी महिलाओं को उन्हें नमन करना चाहिए और उनके जीवन को याद करते हुए उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और जो महिलाएँ समाज में आगे बढ़ चुकी है, उन्हें अपने पीछे की महिलाओं के बारे में चिंता करनी चाहिए ताकि जो सावित्रीबाई फूले का सोच था, जो विचारधारा था वह समाज में रुके नहीं बल्कि आगे बढ़ता जाए।