झारखण्ड राँची

सीयूजे का तृतीय दीक्षांत समारोह संपन्न, तीन चांसलर मेडलिस्ट हुए राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित

प्रकृति के बीच स्वर्णरेखा नदी के सानिध्य में शिक्षा प्राप्त करना सीयूजे के विद्यार्थियों के लिए सौभाग्य की बात: राष्ट्रपति

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह का आयोजन चेरी-मनातू स्थित विश्वविद्यालय के स्थायी परिसर के सभागार में बुधवार को संपन्न हुआ। इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उपस्थित थीं। वहीं विशिष्ट अतिथि के रुप में झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन, सम्मानित अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन एवं केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी मौजूद थीं। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. जय प्रकाश लाल भी मंच पर उपस्थित थे। चांसलर मेडलिस्ट को राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी डिग्री धारियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय परिसर के पास बहती स्वर्णरेखा नदी के पानी पीने मात्र से ही मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है। ऐसी भूमि और नदी के सानिध्य में शिक्षा प्राप्त करना अपने आप में सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि आज भारत की बेटियाँ हर क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही हैं। प्रत्येक बाधा एवं अवरोध को पार करके वे सफलता प्राप्त कर रहीं है और हमारे समाज के लिए प्रेरणास्रोत के रूप में उभर रही हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि विश्वविद्यालय अध्ययन और अध्यापन के कार्य के लिए अच्छा वातावरण प्रदान करने के साथ ही अपने पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं से समाज के लिए पर्यावरण संरक्षण का एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।

वहीं विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे जीवन का लक्ष्य केवल अपने लिए अच्छे जीवन का निर्माण करना ही नहीं बल्कि समाज और देश के निर्माण के लिए भूमिका निभाना भी है। पिछड़े और वंचित वर्ग के हित के लिए हमें हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए।

इस कार्यक्रम की शुरूआत अकादमिक जुलूस के बाद राष्ट्रगान से हुई। झारखण्ड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सभी पदक और उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने यह आश्वासन दिया कि झारखंड सरकार विश्वविद्यालय के विकास में अपनी भूमिका निभाएगी। साथ ही विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. जय प्रकाश लाल ने विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि छात्रों को जीवन में अकादमिक उन्नति के साथ-साथ नैतिक मूल्यों पर भी ध्यान देना आवश्यक है। कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने स्वागत वक्तव्य के रूप में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों एवं भविष्य की योजनाओं के बारे में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

इस दीक्षांत समारोह की विशेष बात यह भी रही कि संपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन भारतीय परंपरा के अनुसार किया गया जिसमें सभी डिग्रीधारक एवं अकादमिक परिषद के सदस्य पारंपरिक परिधान में थे। विश्वविद्यालय की ओर से सभी डिग्री धारकों एवं अकादमिक परिषद के सदस्यों के लिए पारंपरिक उत्तरीय की व्यवस्था की गयी थी। शैक्षणिक शोभा यात्रा भी भारतीय परंपरा के अनुसार शंखनाद के साथ निकाली गयी।

इस तृतीय दीक्षांत समारोह में वर्ष 2021-2022 के कुल 1539 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयी। इनमें कुल 64 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, तीन विद्यार्थी को कुलाधिपति पदक से सम्मानित किया गया और 35 शोधार्थियों ने डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। इस बार कुलाधिपति पदक से शुभम भट्टाचार्जी, उत्पल और अभिजीत गांगुली को सम्मानित किया गया।

चांसलर मेडलिस्ट शुभम ने बताया कि राष्ट्रपति के हाथों सम्मनित होना उनके लिये गौरवपूर्ण क्षण था। स्वर्ण पदक मिलने वाले छात्रों में कुमार आर्यन, नेहा नंदिनी, श्रेया सिन्नी, रौशन राज सिंह, राजश्री, मेघा रानी पटेल सहित कुल 64 विद्यार्थी शामिल हैं।

नेहा नंदिनी ने कहा कि “स्वर्ण पदक मिलने पर मैं अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रही हूँ। यह मेरे संघर्ष और समर्पण का परिणाम है। यह पदक मुझे आगे और अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करता रहेगा।”

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