नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): मोटिया – मजदूर संघ के केंद्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सोनी ने शनिवार को एक आवश्यक बैठक सैकड़ो लोगों के बीच अशोक नगर में किया। इस अवसर पर उन्होंने “खरखाई डैम बचाओ समिति” के गठन की घोषणा की।
इस दौरान संतोष सोनी ने बताया कि सरकार की निर्णय से स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना को पूर्ण न करके एवं खरकाई डैम न बनवाकर उसकी होने वाले फायदे से जनता को वंचित रख रही है। इस जन आंदोलन के माध्यम से हम सभी ने “खरखाई डैम बचाओ आंदोलन” की शुरुआत की है। यह आंदोलन चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस जन आंदोलन में पहले चरण में सरायकेला उपायुक्त के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा और ज्ञापन उपायुक्त और उसकी एक प्रति महामहिम राज्यपाल को सौपी जाएगी।
वहीं दूसरे चरण में माननीय राज्यपाल के निवास के सामने धरना प्रदर्शन किया जाएगा और ज्ञापन माननीय राज्यपाल महोदय को सौंपा जाएगा। तीसरे चरण में खरखाई डैम निर्माण क्षेत्र पर जाकर जल संसाधन विभाग और उनके अधिकारियों के समक्ष जन आंदोलन और धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसी के साथ हम यह सूचित करना चाहते हैं कि वर्तमान में हम जन आंदोलन क्रियान्वित नहीं कर रहे हैं क्योंकि चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हैं और हम उसे सम्मानित करना चाहते हैं।
इस अवसर पर संतोष सोनी ने कहा कि झारखण्ड उच्च न्यायालय में स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना को बंद करने के खिलाफ संतोष कुमार सोनी द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका 4 अगस्त 2023 को दायर की गई थी। उस याचिका पर पिछले छह महीने से सुनवाई हो रही है। उन्होंने आगे जोड़ा कि पूर्व में दायर याचिका में राज्य सरकार ने खुद अक्टूबर 2019 में अपने शपथ पत्र द्वारा यह कहा था कि इस परियोजना को चालू करने में उन्हें कोई भी समस्या नहीं है और बांध का निर्माण राज्य के भविष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण है लेकिन उसके कुछ महीने बाद ही उन्होंने अपना एक पत्र देकर इसी परियोजना के काम को 13 मार्च 2020 में अगले आदेश तक स्थगित कर दिया जो कि आज तक स्थगित है।
इस दौरान संतोष सोनी ने मानव हक्क, रोजगार, सिंचाई और पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यावरण के लिए लड़ने का ऐलान किया और सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस जनआंदोलन में साथ दें और अपनी आवाज बुलंद करें। याचिकाकर्ता के वरिष्ठ वकील द्वारा इस मामले को संज्ञान लेते हुए कहा गया कि सरकार को शपथ पत्र में इस परियोजना की क्रियान्वयन की अपनी सारी बातें स्पष्ट करनी पड़ेगी क्योंकि पिछली तारीख में सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि उसे इस परियोजना को चालू करने में कोई भी समस्या नहीं है। इसलिए अगली तारीख तक सरकार को शपथ पत्र दायर करके संपूर्ण परियोजना के चालू होने पर क्या अड़चन है और वह कब तक चालू हो पाएगी। इसे शपथ पत्र द्वारा लिखित रूप में स्पष्ट करना अत्यंत आवश्यक है। इस जनहित याचिका की अगली सुनवाई की तारीख 29 अप्रैल 2024 को दी गई हैं।
इस बात के साथ हम यह सूचित करना चाहते हैं कि वर्तमान में हम जनआंदोलन की शुरुआत नहीं कर रहे हैं। हम इसे केवल संबंधित प्राधिकारिकों को हमारे इस जनसंवाद के कदमों के बारे में सूचित कर रहे हैं। हम इस मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं और जनआंदोलन का हमारा माध्यम हमेशा सामाजिक सुधार और अधिकारिक संरक्षण में दृढ़ता और शांतिपूर्णता की दिशा में रहेगा।
संतोष कुमार सोनी ने समाप्त करते हुए कहा कि समिति ने जनता की भलाई के लिए इस याचिका को आगे बढ़ाने का फैसला किया और आत्मविश्वास से कहा कि जनता इस लड़ाई में अंततः विजयी होगी।