रिपोर्ट : नीतीश मिश्रा
राँची (ख़बर आजतक) : झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में सरायकेला में खरकई डैम निर्माण पर छह हजार करोड़ से अधिक खर्च होने के बाद प्रोजेक्ट बंद करने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।अदालत ने मुख्य सचिव से मांगा जवाब
सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार के जवाब पर कड़ी नाराजगी जताई। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि इस प्रोजेक्ट पर 6100 करोड़ से अधिक खर्च हो चुका है।
प्रोजेक्ट के लिए टेंडर करने से पहले राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट जरूर बनाई होगी। क्या प्रोजेक्ट रिपोर्ट में राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण को लेकर ग्रामीणों के आंदोलन को लेकर किसी प्रकार का विचार नहीं किया
अदालत ने कहा कि अगर यही स्थिति है तो अदालत मामले में सीबीआई को प्रतिवादी बनाकर जांच करवा देती है, जिससे सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। अदालत ने मामले में मुख्य सचिव से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने पूछे कई सवाल
अदालत ने मुख्य सचिव से पूछा है कि 6100 करोड़ खर्च होने के बाद खरकई डैम प्रोजेक्ट क्यों नहीं पूरा किया जा रहा है। इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बाद क्या काम बंद रहेगा।
अगर वहां ग्रामीण आंदोलनरत हैं तो उसके लिए आप क्या कर रहे हैं। खरकई डैम प्रोजेक्ट को लेकर अंतिम रूप से सरकार ने क्या निर्णय लिया है। अदालत इन बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करने का निर्देश दिया है।
ग्रामीणों के विरोध के कारण प्रोजेक्ट हुआ बंद
अगली सुनवाई 14 मई को निर्धारित की गई है। मामले में जल संसाधन विभाग की ओर से शपथ पत्र दाखिल किया गया। जिसमें कहा गया है कि जमीन अधिग्रहण पर स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के कारण खरकई डैम प्रोजेक्ट बंद है