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बोकारो के डॉ उमा कांत सिंह अंडर 18 भारतीय बास्केटबॉल वूमेन टीम के कोच बने

बोकारो (ख़बर आजतक) : बोकारो जिला बास्केटबॉल संघ के पूर्व खिलाड़ी डॉ उमा कांत सिंह को अंडर -18 भारतीय वूमेन टीम का कोच नियुक्त किया गया है। उन्हें बास्केटबॉल के नये फॉर्मेट 3×3 के लिए अंडर 18 वूमेन नेशनल टीम का कोच बनाया गया है। इस नये कृतिमान के साथ डॉ उमाकांत सिंह ने साबित कर दिया कि बोकारो ना सिर्फ झारखंड की शैक्षणिक राजधानी है बल्कि खेल जगत की उभरती राजधानी का भी स्थान हासिल कर रहा है।


बोकारो जिला बास्केटबॉल संघ के सचिव संजीव सिंह ने अपार हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह हमारे लिये गौरव का क्षण है। डॉ उमाकांत के कठिन परिश्रम, लगन और एकाग्रता के कारण यह सफलता प्राप्त हुई है। आज खेल के क्षेत्रों में यह एक आदर्श एवं मिशाल है।
डॉ उमाकांत की सफलता पर बोकारो सहित झारखंड के खेल प्रेमियों में अपार खुशी है।

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आज सेक्टर 12 के बास्केटबॉल कोर्ट पर सभी वरीय अधिकारियों एवम खेल प्रेमियों द्वारा केक काटकर डॉ उमाकांत को बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई। इस अवसर पर सचिव संजीव सिंह के साथ साथ सुधीर कुमार, बिनोद कुमार, निखिल ओझा, हारून अंसारी, कौशल सिंह, ऋषिकेश कुमार, मुद्दसिर खान, रण विजय ओझा, निशांत, सचिन, सार्थक, आयुष, आकाश, रवि, सनी एवम अन्य खिलाड़ी उपस्थित थे।

बोकारो के इतिहास में यह पहला मौका है, जब कोई बास्केटबॉल के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर कोच का नियुक्त हुआ है।

26-30 अगस्त 2024 को हंगरी में वर्ल्डकप के लिए रवाना होने से पूर्व एक माह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
हंगरी देश के डेब्रेसेन शहर में 26 से 30 अगस्त तक बास्केटबॉल के नये फॉर्मेट 3×3 के तहत अंडर 18 वूमेन टीम का वर्ल्डकप आयोजित होने वाला है। भारतीय टीम को 10 जुलाई से मध्यप्रदेश के इंदौर में डॉ उमाकांत सिंह को बतौर कोच प्रशिक्षण प्रारंभ कर चुके है । इसके लिए डॉ उमाकांत सिंह ने खिलाड़ियों के साथ तैयारी शुरू कर दी है। और भारतीय टीम के सर्वोच्च प्रदर्शन के लिए पूरे जोश, तकनीक के साथ प्रशिक्षण प्रारंभ कर चुके है।

बोकारो से लेकर जर्मनी तक का सफलनामा-
डॉ उमाकांत सिंह का खेल जीवन सेक्टर 12 के बास्केटबॉल कॉर्ट से आरम्भ हुआ। वो सफर आज तक निरंतर जारी है। डॉ उमाकांत सिंह की प्रारंभिक शिक्षा बोकारो के अयप्पा स्कूल में हुई. कक्षा 6 से 10 तक की पढ़ाई सेक्टर 12 A इस्पात विद्यालय में की. इसके बाद सेक्टर 3 के प्लस टू स्कूल से हाई सेकेंडरी एजुकेशन प्राप्त की। डॉ उमा कांत आगे की पढ़ाई के लिए ग्वालियर चले गए। जहां से उन्हें 2013-14 में जर्मनी में स्कालरशिप मिला. जहां उनका प्रेक्टिकल सब्जेक्ट बास्केटबॉल तथा थ्योरी के रूप में बायोमैकेनिकल था। इसके बाद उन्होंने लगातार ऊंचाई छूते चले गए। उन्हें जर्मनी में स्थित विश्व का सबसे बड़ा खेल विश्वविद्यालय का साउथ और ईस्ट एशिया का रिप्रेजेंटेटिव भी है। वही मध्य प्रदेश गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज वेदान, सिंगरौली के स्पोर्ट्स ऑफिसर के तौर पर पद स्थापित है।

डॉ उमा कांत सिंह के पिता बीरेंद्र सिंह बीएसएल प्लांट में कार्यरत थे, माता गृहणी। तीन भइयों में डॉ उमा कांत सिंह दूसरे नंबर पर है। बड़ा भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर, छोटा इंजीनियर सह बास्केटबॉल ट्रेनर है।

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