झारखण्ड राँची

NIC द्वारा भी राजस्व रिकार्ड में किया जा रहा फर्जीवाड़ा: देव कुमार धान

रिपोर्ट : नितीश मिश्र

राँची(खबर_आजतक): आदिवासी जमीन बचाओ अभियान के तहत रविवार को आदिवासियों की धार्मिक, सामाजिक, सामुदायिक और निजि सभी तरह की जमीनों की लूट-खसौट, जबरन दखल-कब्जा, जमीन माफिया, बिल्डर बिचौलिया – दलालों से राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत करके दस्तावेजों में हेराफेरी, राज्य भर पुलिस प्रशासन जमीन माफिया गठजोड़ का दबदबा से तंगहाल/परेशान, पीड़ित हजारों लोगों के द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्री,अधिकारियों को दिए गए आवेदन/शिकायत के बाद भी कार्रवाई नही होने से आक्रोशित विभिन्न आदिवासी संगठनों के द्वारा बापू वाटिका, मोरहाबादी मैदान में महाधरना दिया गया। इस दौरान राँची और इसके आस-पास गाँवों के सैकड़ों पीड़ित लोगों के साथ विभिन्न आदिवासी संगठनों ने भाग लिया। इस अवसर पर धरना कार्यक्रम को समर्थन करने पहुँचे

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासियों की जमीन की लूट मची हुई है। हम झारखण्ड विधानसभा में मानसून सत्र में इस पर सदन में एक दिन का बहस चलाने की माँग करेंगे।

इस अवसर पर आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक लक्ष्मीनारायण मुण्डा ने कहा कि आदिवासी जमीन की लूट-खसौट के खेल राज्य सरकार जिम्मेदार है, हेमन्त सोरेन सरकार भ्रष्ट-अधिकारियों, जमीन माफिया गिरोह का संरक्षक बनी हुई है।

वहीं पूर्व विधायक देव कुमार धान ने कहा कि राज्य में जमीन माफिया और अंचल अधिकारियों की सांठ-गांठ से आदिवासी जमीन की हेराफेरी, छेड़छाड़ की जा रही है। NIC के द्वारा भी राजस्व रिकार्ड में फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।

सरना सदान मूलवासी मंच के अध्यक्ष सूरज टोप्पो ने कहा कि इस कार्यक्रम के बाद से राज्य भर में आदिवासी जमीन की लूट-खसौट के खिलाफ आंदोलन तेज किया जाएगा।

काँके रोड सरना समिति के अध्यक्ष डब्लू मुण्डा ने कहा कि आदिवासी मुख्यमंत्री के राज में आदिवासियों को लूटा जा रहा है।

केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्ट-अधिकारियों की संरक्षक बनी हुई है।

केन्द्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुण्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से आदिवासी समुदाय को जो उम्मीद थी, आज सब कुछ धराशायी हो गया है।

सामाजिक कार्यकर्ता बल्कु उराँव ने कहा कि आदिवासी के पास आंदोलन ही एक रास्ता है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार अविलंब आदिवासी जमीन लूटने वाले जमीन माफिया और राजस्व अधिकारियों के उपर कारवाई करे।

इस धरना में लोहरदगा, खूँटी, चामा, नगड़ी, अनगढ़ा तथा राँची के आस पास के औरमाँझी, अनगड़ा, काँके बोड़िया, बुकरू, टैगोर हील, एदलहातू, टिकली टोला, मिसिर गोन्दा, हेसल,पंतगाई, हटिया इत्यादि गाँवों के हजारो महिला,पुरुष मौजूद थें।

इस अवसर पर आदिवासी बुद्धिजीवि लक्ष्मीनारायण मुण्डा, पूर्व विधायक देव कुमार धान, बलकू उराँव, सूरज टोप्पो, डब्लू मुण्डा, बबलू मुण्डा, फ़ुलचन्द तिर्की, सहाय तिर्की, सोनू उराँव, भुनू तिर्की, निर्मल पहान, अर्जून गाड़ी, सोमरा गाड़ी, मोहन तिर्की, अमित मुण्डा, शशि मुण्डा, मांगा उराँव, चैतू उराँव, अशोक पहान, दिनेश मुण्डा उपस्थित थे।

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