रिपोर्ट : नितीश मिश्र
राँची(खबर_आजतक): झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक एवं प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग स्वयं को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुल्लम खुल्ला अवमानना किया है. साथ ही झारखंड की सांझी सांस्कृतिक विरासत एवं डेमोग्राफी बिगाड़ने की कोशिश किया है। उन्होंने कहा है कि 18 जनवरी 2013 के सुप्रीम कोर्ट के द्वारा चौक चौराहा पर एवं सार्वजनिक स्थल पर प्रतिमा नहीं लगाने का सख्त आदेश दिया था। इस आदेश के आलोक में झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ताओं ने सरकार की ओर से अपनी सहमति भी दिए हैं।
यह बात राँची जिला प्रशासन को भी पता है। इसलिए जिला प्रशासन ने मोरहाबादी मैदान में गैर सरकारी संस्था द्वारा स्थापित किए गए भगत सिंह की प्रतिमा को चंद मिनट में उतरवाकर किनारे रखवा दिया था।
फिर जिला प्रशासन ने कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा के साथ ऐसा क्यों नहीं किया ?
जबकि कैलाशपति मिश्र कोई स्वतंत्रता सेनानी नहीं है और उनकी प्रतिमा एक देश के महान स्वतंत्रता वीर शहीद बिरसा मुंडा, शेख भिखारी, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे महान विभूतियों के साथ में कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा भाजपा के नेताओं के द्वारा क्यों स्थापित किया गया, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का औवमानना करते हुए या तो इस देश के अंदर में सुप्रीम कोर्ट का आदेश का पालन हो या तो भाजपा के द्वारा किए जा रहे क्राइम का। दोनों में से एक ही हो सकता है या तो आदेश का पालन या तो भाजपा का क्राइम।
इस काइम के लिए राज्यसभा सांसद, राँची के सांसद, राँची के विधायक, राँची के पूर्व मेयर, राँची के पूर्व डिप्टी मेयर एवं भाजपा के दो- दो पूर्व मुख्यमंत्री। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के संसद में कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा के निर्माण हेतू सांसद निधि दिए हैं और डीसी के द्वारा इस प्रतिमा हेतू बिना जाँचे समझे राशि स्वीकृत कर बनवाए हैं तो राँची डीसी के ऊपर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
सांसद निधि के द्वारा किसी भी चौक चौराहे सार्वजनिक स्थलों पर प्रतिमा का निर्माण कार्य जनता की राशि से नहीं कर सकते हैं।
वहीं पुष्कर महतो ने कहा कि 24 अगस्त 2024 को संवैधानिक अधिकारों एवं अलग राज्य मूल्यों की रक्षा का संकल्प सभा मोरहाबादी मैदान में आयोजित किया जाएगा। इस संकल्प सभा में राज्य भर के हजारों हजार झारखण्डी जनमानस अपने अस्मिता एवं अस्तित्व की रक्षा के लिए परंपरागत हथियार वाद्य यंत्र एवं परागत वेशभूषा में उपस्थित होंगे।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक पुष्कर महतो भाग लेंगे.