रिपोर्ट : पंकज सिन्हा
पेटरवार : गुरुवार को सरकारी गैर सरकारी स्कूलों एवं शिक्षा संस्थानों मे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्पअर्पित कर शिक्षक दिवस मनाया गया। हर साल इस दिन शिक्षकों के लिए समर्पित करते हुए ही मनाया जाता रहा है। यह मुख्य तौर पर पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विचारों से जुड़ा है, जो स्वयं भी एक महान शिक्षक थे। एक बार उनके छात्रों ने ही उनका जन्मदिन मनाने का सोचा था, जिसके बाद डॉक्टर राधा कृष्णन ने कहा था कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की बजाय अगर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो मुझे गर्व होगा। और यहीं से शिक्षक दिवस समारोह की नींव पड़ गई थी। वहीं देश के पहले वाइज प्रेसिडेंट और दूसरे प्रेसिडेंट डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के तौर पर भी मनाया जाता है।
इस दिन डॉ. राधाकृष्णन का जन्म हुआ था और उनके प्रति सम्मान को प्रकट करते हुए आज से कई साल पहले इस दिन की शुरुआत हुई थी।माता-पिता के बाद, टीचर ही हमारे जीवन को एक सही राह देते हैं और बेहद महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाते हैं। वह न केवल हमें शिक्षा देते हैं बल्कि असल जिंदगी में सफल की हिम्मत भी देते हैं। इस खास अवसर पर सभी छात्र एवं छात्राएं अपने स्कूल एवं कक्षाओं को रंगोली एवं फूलों से सजाकर गुरुजनों से केक कटवाते हैं ,और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं। छात्राओं ने कहा की अपनी कामयाबी में गुरुजनों का साथ के लिए उन्हें हम दिल से शुक्रिया कहते हैं। छात्र-छात्राओं के द्वारा गुरुजनों को तोहफा भी प्रदान करते हैं।