रांची (ख़बर आजतक) : भाजपा आदिवासी समाज और झारखंड के लोगों के उत्थान में विश्वास करती है तो सरना धर्म कोड बिल एवं विशेष राज्य का दर्जा देने की घोषणा करे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. उपरोक्त बाते आज आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केन्द्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के झारखण्ड दौरा पर आने पर अपनी प्रतिक्रिया में उक्त बातें कही l इन्होने यह भी कहा कि अगर उक्त दोनो घोषणा नही करती है तो यह माना जायेगा कि भाजपा मगरमच्छ की तरह आदिवासी एंव झारखंडी समाज के लिए घड़ियाली आँसु सिर्फ बहा कर येन केन प्रकरेण सत्ता मे आना चाहती है ।
श्री नायक ने आगे कहा की झारखंड सरकार ने 11 नवंबर 2020 को झारखंड विधानसभा मे विशेष सत्र बुलाकर सरना धर्म कोड बिल को लागू करने की मांग को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था और झारखंड के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की टीएमसी सरकार के मुख्यमंत्री माननीय ममता बनर्जी ने भी बंगाल विधानसभा में आदिवासियों के सरना धर्म कोड को मान्यता देने से संबंधित यह प्रस्ताव बिना किसी विरोध के ध्वनिमत से पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया है । उसके बावजूद आज 5 वर्ष होने को हैं l इस दिशा में भारतीय जनता पार्टी की केंद्र की सरकार ने कोई सकारात्मक ठोस पहल नहीं की है जो निंदा का विषय है और आदिवासी समाज के साथ अन्याय भरा कदम भी है ।
श्री नायक ने आगे कहा कि आदिवासियों के वजूद बचाने के लिए इन मांगों की मंजूरी जरूरी है सरना धर्म कोड बिल एवं झारखण्ड को विशेष राज्य का दर्जा देने की अगर प्रधानमंत्री घोषणा करते है तो झारखंड के विधान सभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का सुपड़ा साफ होने से बचा जा सकता है l इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व यह दोनों महत्वपूर्ण बिंदु पर भाजपा और प्रधान मंत्री अपना स्टैंड को स्पष्ट करे ताकि भाजपा आदिवासी समाज एंव झारखण्डी समाज के विश्वास को पून: जीत सकती है और इसके अच्छे परिणाम भी मिल सकते हैं इसलिए यह दोनों महत्वपूर्ण बिन्दु को आने वाले शीतकालीन सत्र मे दोनो सदनों से पारित कर उसे कानून बनाकर आदिवासी समाज के बीच खोए हुए विश्वास को भारतीय जनता पार्टी पुनः प्राप्त करे और