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जामताड़ा में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास की उपेक्षा : सीता सोरेन

नितीश मिश्र, राँची

राँची (ख़बर आजतक) : जामताड़ा विधानसभा, जिसका प्रतिनिधित्व एक डॉक्टर उपाधिधारी विधायक करते हैं, आज बुनियादी सुविधाओं के अभाव में कराह रहा है। यह विडंबना है कि क्षेत्र के विधायक स्वास्थ्य विशेषज्ञ होते हुए भी यहां की स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बेहद दयनीय है। यह क्षेत्र, जो अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं द्वारा प्रतिनिधित्व किया जाता है, उन्हीं समुदायों की समस्याओं के केंद्र में है। ये बाते जामा विधायक सोरेन ने एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही. श्रीमती सोरेन ने कहा की जामताड़ा की जनता को आज जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, वे यह सवाल उठाती हैं कि आखिर क्यों इस विधानसभा को विकास से वंचित रखा गया है।

स्वास्थ सेवाओं के बारे में कहा की जामताड़ा में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अत्यंत खराब है। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं न के बराबर हैं, और शहर में भी अस्पतालों की हालत जर्जर है। इलाज के लिए जरूरी उपकरणों की कमी और डॉक्टरों की अनुपस्थिति आम बात हो गई है। मरीजों को बुनियादी इलाज के लिए दूसरे जिलों में जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि डॉक्टर विधायक के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं सबसे अधिक बदहाल क्यों हैं?

शिक्षा व्यवस्था का पतन

शिक्षा के बारे में बोलते हुए श्रीमती सोरेन ने कहा की शिक्षा के मामले में भी जामताड़ा की स्थिति बेहद चिंताजनक है। यहां के सरकारी स्कूलों में न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही मूलभूत सुविधाएं। शहर के स्कूलों की स्थिति इतनी खराब है कि अभिभावक अपने बच्चों को इन स्कूलों में भेजने से कतराते हैं। शिक्षक अनुपस्थित रहते हैं और जो मौजूद हैं, वे पर्याप्त शिक्षण सामग्री के अभाव में पढ़ाने में असमर्थ हैं। इस विधानसभा में शिक्षा का अभाव एक बड़ा कारण है कि लोग गरीबी और पिछड़ेपन से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

आंगनबाड़ी और पेंशन सेवाओं की दुर्दशा

कहा की आंगनबाड़ी केंद्र, जो छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण और देखभाल के लिए हैं, अपनी बुनियादी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। आवश्यक पोषण और देखभाल की कमी के कारण बच्चों और महिलाओं का स्वास्थ्य खतरे में है। वृद्धा पेंशन योजना की स्थिति भी बेहद खराब है। बुजुर्गों को समय पर पेंशन नहीं मिलती और उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे उनकी स्थिति और भी दयनीय हो जाती है।

क्षेत्रीय पिछड़ापन और राजनीतिक उदासीनता

कहा यह साफ नजर आता है कि जामताड़ा के विधायक और मंत्री जनता की समस्याओं के प्रति उदासीन हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी अधिकारों की उपेक्षा के कारण यहां के लोग विकास से वंचित रह गए हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि जनता को जानबूझकर शिक्षा और विकास से दूर रखा जा रहा है ताकि वे सत्ता में बैठे लोगों पर निर्भर बने रहें। यह क्षेत्र गुलामी जैसी स्थिति में है, जहां लोगों की गरीबी और अशिक्षा को बनाए रखना नेताओं की प्राथमिकता बन चुकी है।

समाधान की जरूरत

कहा जामताड़ा की जनता को अब इन समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होना होगा और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी होगी। बेहतर नेतृत्व और जवाबदेही की मांग ही इस बीमार विधानसभा को स्वस्थ और प्रगति की राह पर ले जा सकती है।

निष्कर्ष: जामताड़ा विधानसभा, जो एक डॉक्टर विधायक का क्षेत्र है, आज स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सेवाओं के अभाव में जूझ रहा है। जब तक जनता जागरूक होकर अपने अधिकारों के लिए खड़ी नहीं होती, तब तक यह क्षेत्र विकास से वंचित रहेगा।

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