पूर्वी भारत में श्रीलेदर्स की स्थिति मजबूत: सुशान्तो
नितीश मिश्र, राँची
राँची(खबर_आजतक): रातू रोड स्थित श्रीलेदर्स में गुरूवार को प्रेसवार्ता कर श्रीलेदर्स के पार्टनर सुशान्तो डे, पुजारिया डे, सौरभ विश्वास ने संयुक्त रूप से कहा कि 70 वर्षों से भारतीय फुटवियर उद्योग में अग्रणी श्रीलेदर्स शुक्रवार को राँची शहर के रातू रोड पिस्का मोड़ स्थित अपने तीसरे आउटलेट के शुभारंभ की घोषणा की है।
उन्होने श्रीलदर्स के उत्पाद की जानकारी देते हुए कहा कि झारखण्ड, बिहार और उड़ीसा में विभिन्न आउटलेट की सफल शुरुआत रणनीतिक विस्तार है जिससे इस क्षेत्र में श्रीलेदर्स का प्रभुत्व मजबूत हुआ।
वहीं सुशान्तो डे ने बताया कि 1952 में स्वतंत्रता सेनानी स्व सुरेश चन्द्र डे द्वारा स्थापित, श्रीलेदर्स ने लगातार किफायती कीमतों पर आरामदायक जूते उपलब्ध कराए हैं। गुणवत्ता और ग्राहक संतुष्टि के प्रति ब्रांड्स की अटूट प्रतिबद्धता ने इसे एक वफादार ग्राहक आधार और आरामदायक और स्टाइलिश जूते के साथ-साथ चमड़े के सामान में एक महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी अर्जित की है। एक विश्व स्तरीय उत्पाद पोर्टफोलियो का अनावरण श्रीलेदर्स के इस नूतन आउटलेट में किया गया।
इस अवसर पर बताया गया कि किफायती कीमतों पर श्रीलेदर्स की नवीनतम श्रेणी, एसएल प्रीमियम को खुदरा और ऑनलाइन ग्राहकों से अच्छी समीक्षा मिली है। पार्टनर शेखर डे ने जोर देकर कहा, “फ्रेंचाइजी को उत्पाद वितरित करने से पहले गुणवत्ता और ग्राहक स्वीकार्यता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकताएँ हैं।”
पार्टनर और तीसरी पीढ़ी के परिवार के सदस्य सुशान्तो डे ने ब्रांड्स के दृष्टिकोण का खुलासा किया कि “हम विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाले खेल के जूते पेश कर रहे हैं जिसमें बैडमिंटन, वॉलीबॉल और बास्केटबॉल के लिए एक अलग लाइन है। विश्व स्तरीय गुणवत्ता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता अटूट है जबकि जेब के अनुकूल कीमतें सुनिश्चित करना।”
श्रीलेदर्स के आक्रामक विस्तार योजनाएँ आन्ध्र प्रदेश के विजाग में अपना पहला आउटलेट लॉन्च किया। इस त्योहारी सीजन में रातू रोड और झारखण्ड के गिरिडीह में नए आउटलेट खोले।
श्रीलेदर्स दो पीढ़ियों से चली आ रही वफादारी के साथ एक मजबूत ग्राहकों से मधुर संबंध का गर्व से दावा करता है। ब्रांड्स की सफलता का श्रेय उसकी फ्रैंचाइज़ी रणनीति और सितंबर 2020 में उसकी वेबसाइट – www.sreeleathersonline.com के लॉन्च को दिया जा सकता है, जो ऑनलाइन व्यवसाय में उसके प्रवेश का प्रतीक है।