झारखण्ड बोकारो शिक्षा

चिन्मय विद्यालय में चिन्मय विजन प्रोगाम रिफ्रेमिंग वैल्यू एजुकेशन विषय पर कार्यशाला का आयोजन

मूल्य आधारित शिक्षा से ही सुसंगठित एवं मजबूत समाज का निर्माण हो सकता है : बी मुखौपाध्याय

बोकारो (ख़बर आजतक) : चिन्मय विद्यालय बोकारो में अपने शिक्षकों के लिए एक दिवसीय इन हाउस ट्रेनिंग प्रोग्राम कम वर्कशॉप का आयोजन किया गया । कार्यक्रम कि शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं शांति पाठ से हुआ। प्राचार्य सूरज शर्मा ने दोनों रिसोर्सपर्सन का स्वागत किया और शिक्षकों से अनुरोध किया कि इस कार्यशाला में बढ़ चढ़कर भाग ले आज के शेक्षणिक पद्धति मे अंको के अलावा जिवन मुल्यो को केसे मुल्यवान बनाया जाय यह शिक्षा भी प्रदान करना हम शिक्षको को कर्तव्य है । चिन्मय मिशन ने भविष्य मे शिक्षण पद्धति को और सुदृद्ध बनाने के लिए चिन्मया विजन प्रोगाम कि संरचना कि ताकी हमारे बच्चौ का भविष्य अनुशासित हो जिससे कि हमारा देश नित्य दिन सफलता कि नई उचाईयो को प्राप्त करे ।


वर्कशॉप का टॉपिक था – चिन्मय विजन प्रोगाम रिफ्रेमिंग वैल्यू एजुकेशन. मुख्य रिसोर्सपर्सन श्री बी मुखौपाध्याय इसकी जरुरत पर बल देते हुए कहा कि आज कि शिक्षा पद्धति एकांगी आयाम कि हो गयीं है जो केवल अच्छे अंक पर ही फोकस कर रही है केवल इंजीनिरिंग, मेडिकल या कॉर्पोरेट वर्ल्ड में अच्छे पदों पर नियुक्त होना ही एक मात्र उद्देश्य हो गया है, ऐसे में एक अच्छा व्यक्तित्व, एक अच्छा समाज, एक अच्छा भविष्य का निर्माण संभव नही है। इसके लिए उच्च नैतिक मूल्य से युक्त कुशल कार्य करने वालों की जरुरत है. नैतिक मूल्यों से युक्त व्यक्ति एक सफल, गुणवत्ता पूर्ण उत्पादकता से भरपूर जीवन जिता है. इसलिए यह सम्यक मांग है कि शिक्षा और शिक्षण पद्धति छात्रों में नैतिक एवं चारित्रिक मूल्यों को विकसित करने में सक्षम हों. इसलिए आज कि कार्यशाला सभी शिक्षकों के लिए अत्यधिक उपयोगी है।

उन्हें कक्षा में, अध्ययन-अध्यापन में नैतिक मूल्यों के समावेशीकरण में सहूलियत होंगी। वर्कशॉप में चिन्मय मिशन द्वारा प्रकाशित लाइफ एं आराधना नामक वैल्यू एजुकेशन पुस्तक के आधार पर कई गतिविधियां आयोजित कि गयीं जिसमे शिक्षकों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और सुगमता से कक्षा में नैतिक मूल्यों के समावेशन करने के आसान तरीकों को सीखा। शिक्षकों को इस कार्यशाला में अपने पाठ योजना में उपक्रम, अभ्यास, अपूर्वता, फलम तथा उत्पति आदि मानकों को सम्मुलित करने का सुझाव दिया गया। तब जाकर ही पठन -पाठन प्रभावी एवं उत्पादक हो सकेगा अंततः यह कहा जा सकता है कि वर्कशॉप अपने उद्देश्य कि प्राप्ति में पूर्णतः सफल रहा। कार्यक्रम कि रूप रेखा को सुप्रिया चैधरी, प्रभारी, मानव संसाधन विभाग ने तैयार किया था । पांच घंटे का यह कार्यक्रम पूरी पूर्णता के साथ उत्साह, आनंद समेटे हुए विद्यालय गान के साथ समाप्त हुआ।

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