देशभर से 200 प्रतिभागियों ने लिया ऑनलाइन भाग, विशेषज्ञों ने साझा किए हरित नवाचार के अनुभव
नितीश मिश्र, राँची
राँची (ख़बर आजतक) : सरला बिरला विश्वविद्यालय (एसबीयू) में “ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजिस फॉर अ सस्टेनेबल एनवायरमेंट” विषय पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) की शुरुआत हुई। मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग तथा सिविल एवं एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा आईक्यूएसी एवं इंस्टीटूशन इनोवेशन काउंसिल (IIC) के सहयोग से आयोजित यह कार्यक्रम 7 जुलाई से 11 जुलाई तक चलेगा।

इस अवसर पर एसबीयू के कुलपति प्रो. सी. जगनाथन ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए सतत ऊर्जा प्रणालियों की आवश्यकता पर बल दिया और शिक्षकों को हरित परिवर्तन में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। विश्वविद्यालय के महानिदेशक गोपाल पाठक ने बदलती जलवायु नीतियों की ओर ध्यान दिलाते हुए अनुसंधान को राष्ट्रीय प्राथमिकताओं से जोड़ने का आह्वान किया।
प्रो. पंकज कुमार गोस्वामी, डीन, फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटर साइंस, ने ऊर्जा के नवाचार, आर्थिक विकास और पर्यावरणीय संरक्षण में योगदान पर चर्चा की। उन्होंने हरित प्रौद्योगिकियों को अपनाने की दिशा में शिक्षकों को सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया।
एफडीपी के संयोजक डॉ. सागर सारंगी ने प्रतिभागियों का स्वागत किया, वहीं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. वी.एन.एल. दुर्गा द्वारा प्रस्तुत किया गया। उद्घाटन सत्र में आयोजन समिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के पहले दिन दो विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए गए। आईआईटी मद्रास के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार साहू ने “भारत के विनिर्माण क्षेत्र में कार्बन मूल्य निर्धारण” विषय पर व्याख्यान दिया। वहीं, केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. बसुदेव प्रधान ने “सतत पर्यावरण के लिए सौर फोटोवोल्टेक प्रौद्योगिकी” विषय पर चर्चा करते हुए सौर ऊर्जा के नवाचारों की उपयोगिता को रेखांकित किया।
एफडीपी में देशभर से लगभग 200 प्रतिभागी ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों एवं शोधकर्ताओं को हरित ऊर्जा तकनीकों की ओर प्रोत्साहित करना तथा सतत विकास के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।