नितीश मिश्र, राँची
रांची (ख़बर आजतक) : भाजपा ने झारखंड सरकार पर एक और बड़े टेंडर घोटाले का आरोप लगाते हुए सत्ताधारी गठबंधन पर हमला बोला है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साहू ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि गृह विभाग, जो सीधे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अधीन है, वहां बीते पाँच वर्षों से टेंडर में व्यापक घोटाला हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जब देशभर में सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में पहल हो रही है, तब झारखंड में भ्रष्टाचार के नए तरीके ईजाद किए जा रहे हैं। साह ने आरोप लगाया कि पहले से मिलीभगत करने वाली कंपनियों को तकनीकी रूप से योग्य घोषित कर ठेके दिए जाते हैं।
निर्धारित गिरोह को मिलते हैं ठेके
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि टेंडर संख्या JEM/2022/B/2317532 में 23 में से 20 कंपनियों को तकनीकी आधार पर बाहर कर दिया गया। इस तरह की प्रक्रिया से केवल पहले से तय कंपनियों को अनुबंध मिलता है।
तीन कंपनियों के बीच गहराता गठजोड़
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि टेंडर GEM/2022/B/2498791 समेत अन्य मामलों में केवल तीन कंपनियों को टेंडर दिए गए — कोलकाता की जे.सी. माइकल, पटना की अरिहंत कॉर्पोरेशन, और दिल्ली की लाइफलाइन सिक्योरिटी। इन तीनों कंपनियों के निदेशक आपस में किसी न किसी रूप में जुड़े हुए हैं।
साह के अनुसार, जे.सी. माइकल के निदेशक चिराग जैन अरिहंत ट्रेडिंग के प्रोप्राइटर भी हैं, जबकि जितेंद्र कोचर जे.सी. माइकल और लाइफलाइन सिक्योरिटी — दोनों में निदेशक हैं।
GeM नियमों का खुला उल्लंघन
उन्होंने कहा कि GeM (Government e-Marketplace) के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक से अधिक फर्म के नाम पर टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकता। यह सीधा नियमों का उल्लंघन है और आपराधिक कृत्य की श्रेणी में आता है।
CBI जांच की मांग
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि जो विभाग पूरे राज्य की निगरानी करता है, उसी में इतना बड़ा घोटाला होना बेहद चिंताजनक है। उन्होंने मांग की कि चूंकि यह विभाग मुख्यमंत्री के प्रत्यक्ष नियंत्रण में है, इसलिए पूरे मामले की CBI या न्यायिक निगरानी में निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।