नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): देशभर के सभी श्रमिक संगठन और करोड़ों कर्मचारियों द्वारा केंद्र सरकार के श्रम नीतियों के खिलाफ 17 सूत्री मांगों को लेकर बुधवार के दिन भारत बंद बुलाया गया। राजधानी रांची में भी भारत बंद के समर्थन मे झामुमो, सीपीआई, इंटक समेत अन्य संगठनों द्वारा भारत बंद के समर्थन में जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया।

मौके पर मुख्य रूप से उपस्थित झामुमो के केन्द्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा केंद्र की मोदी सरकार पूरी तरह से श्रमिक विरोधी और किसान विरोधी है। किसानों के संबंध मे जो तीन काले कानून लाए गए, उसके खिलाफ लगभग 7 महीने के आंदोलन के दौरान सात सौ से ज्यादा किसान शहीद हुए। मजदूरों के जो यूनियन है उसपर बैन लगाया जा रहा है। मजदूरों के कानून को निजी सेक्टर के लिए बनाया जा रहा है, पब्लिक सेक्टर का लगातार निजीकरण किया जा रहा है, इसके खिलाफ जो जनाक्रोश है वो आज आपको दिख रहा है चारों तरफ पूरे भारत मे हड़ताल है।
वहीं सीपीआई के अजय सिंह ने कहा केन्द्र सरकार मजदूरों के विरोध में हमेशा कार्य करते आ रही है यह सरकार सिर्फ और सिर्फ कॉरपोरेट घरानों की सरकार अदानी अंबानी के समर्थन से ही केंद्र सरकार चल रही है इसलिए यह सरकार मजदूर और किसान विरोधी नीति ला रही है। केन्द्र सरकार द्वारा लाई गई श्रम नीति का सीपीआई पुरजोर विरोध करती है इस कानून को वापिस लेना होगा।
मौके पर झामुमो राँची जिला संयोजक प्रमुख मुस्ताक आलम ने कहा कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा गरीबों की पार्टी है मजदूरों को पार्टी है आदिवासियों गरीब गुरबों की पार्टी है। केन्द्र सरकार के द्वारा जो नीति लागू किया जा रहा है वह अत्यंत ही निंदनीय है। लेबर कानून में संशोधन करके यहाँ के मजदूरों को बांधने का काम किया जा रहा है। यह सीधा अडानी अंबानी के द्वारा पूरे हिंदुस्तान के ट्रेड पर कब्जा करने की साजिश रची जा रही है। लाए जा रहे कानून के तहत बड़े-बड़े फैक्ट्री के मालिक कॉर्पोरेट के बिना आदेश के आप हड़ताल नहीं कर सकते हैं, अपनी माँग नहीं रख सकते हैं यह कहाँ तक जायज है।