- पुलिस अधिकारी विकास श्रीवास्तव की नि:शुल्क पहल बनी युवाओं की सफलता की सीढ़ी
रांची (ख़बर आजतक) : झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की 11वीं से 13वीं सम्मिलित सिविल सेवा परीक्षा 2023 के अंतिम परिणाम ने इस बार कई ऐतिहासिक कहानियाँ गढ़ी हैं। कुल 342 अभ्यर्थियों ने राज्य की प्रशासनिक, पुलिस, वित्त और अन्य सेवाओं में स्थान पाया है, जिनमें 140 अभ्यर्थी ऐसे हैं जो ‘डीएसपी की पाठशाला’ से जुड़े थे – यह कोई आम कोचिंग संस्थान नहीं, बल्कि झारखंड पुलिस के अधिकारी विकास श्रीवास्तव द्वारा शुरू की गई एक सामाजिक पहल है।

डीएसपी विकास श्रीवास्तव खुद जेपीएससी के अफसर हैं, जिन्होंने चौथे प्रयास में इस कठिन परीक्षा को पास किया था। उन्होंने पुलिस सेवा में रहते हुए महसूस किया कि योग्य और मेहनती छात्रों को मार्गदर्शन की कमी के कारण अवसर नहीं मिल पा रहा है। इसी सोच से शुरू हुई “डीएसपी की पाठशाला” – एक निःशुल्क ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण मंच, जो अब झारखंड के सैकड़ों युवाओं की उम्मीदों का केंद्र बन चुका है।
रांची में पाठशाला का एक स्थायी केंद्र भी संचालित है, जहाँ प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की मुकम्मल तैयारी कराई जाती है। परिणामों में इसकी गूंज साफ दिखी जब घोषित टॉपर्स की सूची में दर्जनों नाम इसी पाठशाला से निकले। इन अभ्यर्थियों ने डीएसपी, बीडीओ, एसडीओ, कर पदाधिकारी, आपूर्ति पदाधिकारी जैसे पदों पर सफलता हासिल की है।

विकास श्रीवास्तव का यह प्रयास अब सिर्फ कोचिंग तक सीमित नहीं रहा, यह झारखंड में शिक्षा और सेवा के नए मॉडल का उदाहरण बन गया है, जहाँ एक पुलिस अधिकारी न केवल कानून व्यवस्था संभाल रहा है, बल्कि राज्य की भावी प्रशासनिक पीढ़ी भी गढ़ रहा है।
जेपीएससी की इस उपलब्धि ने साबित कर दिया है कि जब सेवा, समर्पण और सही मार्गदर्शन साथ हो, तो सफलता की कोई सीमा नहीं होती। ‘डीएसपी की पाठशाला’ अब एक नाम नहीं, आंदोलन बन चुका है – युवा सपनों को सच करने का आंदोलन।