बोकारो (ख़बर आजतक) : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे, जहां डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी सेहत पर नजर रख रही थी। लेकिन सोमवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश की राजनीति में शोक की लहर दौड़ गई है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिता के निधन की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा –
“आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं… आज मैं शून्य हो गया हूं।”

शिबू सोरेन ने 38 वर्षों तक झारखंड मुक्ति मोर्चा का नेतृत्व किया और आदिवासी, पिछड़े और वंचित वर्गों के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी। उन्होंने मात्र 18 वर्ष की उम्र में संथाल नवयुवक संघ का गठन किया और 1972 में ए.के. रॉय व बिनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर झामुमो की स्थापना की।
सोरेन ने 1980 में दुमका से पहली बार लोकसभा चुनाव जीता और इसके बाद कई बार संसद तक पहुंचे। वे मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय कोयला मंत्री भी रहे। झारखंड की राजनीति में उन्हें “दिशोम गुरु” के नाम से सम्मानित किया जाता है।
शिबू सोरेन का निधन झारखंड के लिए एक अपूर्णीय क्षति माना जा रहा है।