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माइनिंग और एन्वायरन्मेंट उप समिति की संयुक्त बैठक

नितिश मिश्रा

राँची : झारखण्ड चैम्बर ऑफ कॉमर्स की माइनिंग और एन्वायरन्मेंट उप समिति की संयुक्त बैठक चैम्बर भवन में हुई। बैठक में भारत सरकार द्वारा प्रकाशित नए गजट तथा माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पारित आदेशों के आलोक में झारखण्ड सरकार द्वारा माइनर मिनरल व्यापारियों को राहत प्रदान करने के विषय पर विस्तृत चर्चा की गई।

यह बताया गया कि गत सप्ताह माइनिंग और एन्वायरन्मेंट उप समिति के प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त रूप से वन पर्यावरण विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीक से मुलाकात की थी। इस क्रम में केंद्र द्वारा प्रकाशित गजट के त्वरित अनुपालन और एनजीटी के आदेशों को लागू करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया था। प्रतिनिधिमंडल के आग्रह पर विभागीय सचिव ने आश्वस्त किया कि इस मामले में गठित समिति के माध्यम से आवश्यक कार्रवाई शीघ्र कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त उप समिति ने निदेशक-खान, झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव और सिया के सदस्य सचिव से भी मुलाकात की और गजट में वर्णित संशोधित मानकों को शीघ्र लागू करने का आग्रह किया।

विदित हो कि एनजीटी के आदेशों के तहत लघु खनिज (पत्थर सहित) के खनन हेतु पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए निम्नलिखित संशोधित मापदंड लागू किये जाने हैं :-
प्रकार मौजूदा मापदंड संशोधित मापदंड
आरक्षित वन क्षेत्र से दूरी 250 मीटर 200 मीटर
संरक्षित वन क्षेत्र से दूरी 250 मीटर 0 मीटर
रिहायशी क्षेत्र से दूरी 500 मीटर 200 मीटर
नदी/अन्य जल स्त्रोत सेदूरी 500 मीटर75 मीटर
शिक्षा क्षेत्र से दूरी 500 मीटर 200 मीटर

प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग, झारखण्ड द्वारा इस विषय पर गठित सम्बंधित समिति की बैठक 24-11-2025 को संपन्न कर ली गई है। चैम्बर महासचिव रोहित अग्रवाल ने कहा कि झारखण्ड में लघु खनन व्यापार से जुड़े हजारों उद्यमी वर्तमान परिस्थितियों में अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा संशोधित मापदंड जारी किए जाने से प्रदेश के खनन व्यापार को राहत मिलने की संभावना बनी है। हमारी अपेक्षा है कि झारखण्ड सरकार इन मापदंडों के त्वरित अनुपालन के लिए आवश्यक अधिसूचना शीघ्र जारी करे ताकि व्यापार गतिविधियाँ सुचारू रूप से संचालित हो सकें।

बैठक में चैम्बर महासचिव रोहित अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य मुकेश अग्रवाल, उप समिति चेयरमैन नितेश सारदा, डॉ. अनल सिन्हा, सदस्य मोइज अख्तर (भोलू), किशोर खेमानी, संदीप कुमार, ऋषि पोद्दार, डॉ. अनुपम घोष, कमलकांत ओहदार, अभिषेक पोद्दार, चंद्रप्रकाश जैन, नटवल साबू और विशेषज्ञ के रूप में राघव नंदन प्रसाद मुख्य रूप से उपस्थित थे।

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