झारखण्ड राँची राजनीति

अभाविप महानगर के आंदोलन के उपरांत आरयू कुलपति ने किया छात्रों को वार्ता हेतू किया आमंत्रित

10 दिन के अंदर आरयू आउटसोर्सिंग एजेंसीज को लेकर बैठक कर विचार-विमर्श के उपरांत छात्रहित में लेगा निर्णय: कुलपति

आरयू में ज्यादातर छात्र मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं, उनकी फीस को लेकर विश्वविद्यालय को ध्यान देने की आवश्यकता: दुर्गेश यादव

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): अभाविप राँची महानगर के द्वारा आरयू के खिलाफ सोमवार से चरणबद्ध आंदोलन प्रारंभ हुआ, आन्दोलन के प्रथम दिन आरयू अंतर्गत सातों महाविद्यालय में कुलपति का पुतला दहन किया गया। इसके उपरान्त आरयू के कुलपति डॉ अजीत सिन्हा ने दोपहर 3.00 बजे अभाविप के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता हेतू आमंत्रित किया।

अभाविप राँची महानगर के प्रतिनिधिमंडल ने सात सूत्री माँग आरयू के कुलपति को सौपा जो निम्नलिखित है:‐

1.आउटसोर्सिंग एजेंसी को पूर्णतः आरयू से बाहर किया जाए।

  1. पीएचडी की बची हुई सीटों को अविलंब भरा जाए।
  2. मांडर कॉलेज के प्राचार्य को अविलंब हटाया जाए।
  3. सेवानिवृत्त शिक्षक कर्मचारियों को अवीलंब हटाया जाए।
  4. शिक्षको एवं कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरा जाए।
  5. खेल गतिविधि को बढ़ाने के लिए सभी महाविद्यालय में व्यवस्था दुरुस्त किया जाए।
  6. परीक्षा शुल्क कम किया जाए।

इस वार्ता के क्रम में आरयू के कुलपति ने आउटसोर्सिंग के मामले पर कहा कि 10 दिनों के अंदर आउटसोर्सिंग एजेंसी के ऊपर हम सभी बैठकर विचार विमर्श करने के उपरांत छात्रहित में निर्णय लेंगे।

इस पर वार्ता के प्रतिनिधिमण्डल में आए अभाविप झारखंड प्रदेश के मीडिया संयोजक दुर्गेश यादव ने कहा कि आउटसोर्सिंग एजेंसी जिसे यूजीसी ने ब्लैक लिस्ट किया है, आखिर विश्वविद्यालय की क्या मजबूरी है कि उसे आउटसोर्स कर विश्वविद्यालय का कार्य कराया जा रहा है।

इस वार्ता के क्रम विश्विद्यालय संयोजक शिवेंद्र सौरभ ने कहा कि पीएचडी की बची हुई सीटों को भरने की बात पर कुलपति ने कहा कि बची हुई 68% सीटों के अलावा और भी जो रिक्त सीटें हैं, उन्हें मिलाकर जनवरी में पुनः एग्जाम के लिए नोटिफिकेशन निकाला जाएगा।

वहीं अभाविप के ऋतुराज शाहदेव ने कहा कि मांडर कॉलेज के प्राचार्य को हटाने पर कुलपति ने तुरन्त कार्रवाई करते हुए नोटिफिकेशन जारी किया और मांडर कॉलेज के प्राचार्य एवं वर्सर को तुरंत हटाकर स्थानांतरण किया गया।

इस दौरान रोहित शेखर ने कहा कि सेवानिवृत्त शिक्षक कर्मचारियों के विषय पर कुलपति ने कहा कि सूची बनाकर एक सप्ताह के अंदर सभी सेवानिवृत्त शिक्षकों को हटाया जाएगा।

इस वार्ता के क्रम में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के रिक्त पदों को लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत सिन्हा ने कहा कि 48 घंटे के अंदर एडवर्टाइजमेंट निकाल कर सभी रिक्त पदों पर नियुक्तियाँ करने के लिए हम सभी तैयार हैं।

इस दौरान वार्ता के क्रम में खेल गतिविधि को बढ़ाने के लिए सभी महाविद्यालय में व्यवस्थाएँ कैसे स्थापित हो, इसको लेकर कुलपति ने कहा कि मेरे स्वयं यानी कुलपति के मध्य में डेढ़ लाख रुपए तक सभी महाविद्यालय के प्राचार्य खेल सामग्री को खरीद सकते हैं साथ ही उन्होंने जल्द ही सभी महाविद्यालयों में कोच एवं स्पोर्ट्स डिपार्मेंट दुरुस्त कर सभी महाविद्यालय में खेल को आगे बढ़ाने में हम सभी सहयोग करने को तैयार हैं।

इसी क्रम प्रदेश मीडिया संयोजक दुर्गेश यादव ने कहा कि आरयू अंतर्गत जितने भी छात्र-छात्राएँ अध्ययन करते हैं, ज्यादातर मध्यमवर्गीय छात्र गरीब परिवार से आते हैं, उनकी फीस को लेकर भी विश्वविद्यालय को ध्यान देने की आवश्यकता है, कम से कम फीस कर उनके आर्थिक बोझ को कम करने का प्रयास करना चाहिए। इस पर परीक्षा शुल्क को लेकर आरयू कुलपति ने कहा कि ₹400 से ₹600 जो फीस बढ़ोतरी हुई थी, उसे हटाकर ₹500 पर उन्होंने सहमति प्रदान की, जो यह छात्रहित में विद्यार्थी परिषद की बहुत बड़ी जीत है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने सभी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय की कुलपति का आभार प्रकट किया,

कुलपति ने इन सभी माँगों को 10 दिनों के अंदर अधिसूचना जारी करने को कहा हैं। इस प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय को चेताया हैं कि अधिसूचना जारी नहीं होने पर विद्यार्थी परिषद 10 दिनों के बाद पूरे आरयू को ताला बंदकर अपने आंदोलन के स्वरुप पर आगे बढ़ेगी।

अभाविप राँची महानगर के प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश मीडिया संयोजक दुर्गेश यादव , राँची विश्वविद्यालय संयोजक शिवेंद्र सौरभ, महानगर संगठन मंत्री अभिनव जीत ,प्रदेश कार्यालय सह मंत्री विद्यानंद राय, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रोहित शेखर, महानगर मंत्री ऋतुराज शाहदेव , महानगर सह मंत्री अमन साहू मौजूद थे।

इस मौके पर आरयू के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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