राँची

झारखण्ड चैंबर, राँची चैंबर एवं आलू प्याज थोक विक्रेता संघ की संयुक्त बैठक संपन्न

इस मामले पर जल्द कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मिल करेंगे बात : किशोर मंत्री

बाजार शुल्क समाप्त होने के बाद राज्य में 70 राइस मिल की स्थापना हुई जिससे राज्य के कृषक हुए लाभान्वित : संजय माहुरी

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): झारखण्ड विधानसभा में कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक को पारित कराये जाने से उत्पन्न होने वाली कठिनाईयों पर चर्चा हेतू मंगलवार को झारखण्ड चैंबर ऑफ़ कॉमर्स, राँची चैंबर पंडरा और आलू प्याज थोक विक्रेता संघ की संयुक्त बैठक चैंबर भवन में संपन्न हुई। व्यापारियों ने एकमत से इस विधेयक का विरोध जताते हुए इसे किसान, उपभोक्ता और प्रसंस्करण उद्योग के विरुद्ध बताया और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से इस विधेयक को वापस लेने की माँग की।

इस बैठक में कहा गया कि यह शुल्क वर्ष 2015 तक प्रभावी था, उस समय के शुल्क के आंकडों पर गौर करें तो इस मद में सरकार को प्राप्त होने वाला कृषि शुल्क नगण्य था। प्राप्त कृषि शुल्क का अधिकांश हिस्सा स्थापना एवं वेतन मद में ही समाप्त हो जाता था। कृषकों के उत्पादन के आँकड़ों को देखते हुए इसकी समीक्षा के उपरांत ही तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा इस शुल्क को समाप्त करने का निर्णय लिया गया। शुल्क समाप्त होने के पश्चात् कृषि उपज में वृद्धि हो गई।

राँची चैंबर के अध्यक्ष संजय माहुरी ने कहा कि बाजार शुल्क समाप्त होने के पश्चात् राज्य में लगभग 70 राइस मिलों की स्थापना हुई जिससे राज्य के कृषक लाभान्वित हुए। झारखण्ड में सब्जी बहुतायत रूप से उत्पादित होता है जिस कारण प्रदेश से अन्य राज्यों में इसका निर्यात किया जाता है। शुल्क लगने के पश्चात् इसका निर्यात झारखण्ड से बंद हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि शुल्क समाप्त होने के पश्चात झारखण्ड में धान का उत्पादन करने में कृषक ध्यान देने लगे थे फलस्वरूप पांच वर्षों में बहुतायत रूप से राइस मिलों की स्थापना हुई जो शुल्क लगने के पश्चात् इन मिलों का प्रदेश से पलायन होने को मजबूर हो जायेंगे। झारखण्ड राज्य के कृषकों का उचित सर्वे करा लिया जाए कि कृषि शुल्क लागू होने से उन्हें कितना फायदा और नुकसान है, तो सरकार को वास्तविकता का पता चल जायेगा।

चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने इस मामले में जल्द ही कृषि मंत्री से मिलकर वार्ता की बात कही।

इस बैठक में उपाध्यक्ष अमित शर्मा, महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन, सह सचिव रोहित पोद्दार, शैलेश अग्रवाल, कार्यकारिणी सदस्य प्रवीण लोहिया, सदस्य विवेक अग्रवाल, राँची चैंबर के अध्यक्ष संजय माहुरी, बिजेंद्र प्रसाद, किशन साबू, संजय कुमार, दीपक पोद्दार, आलू-प्याज संघ के मदन प्रसाद और रोहित कुमार उपस्थित थे।

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