लोगों ने नशा छोड़कर नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जप करने का लिया संकल्प
गोमिया (प्रशांत अम्बष्ठ ) :अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा गोमिया के मध्य दुर्गा मन्दिर परिसर गिंधोनिया अहरा में 26अप्रैल से आयोजित चार दिवसीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति सोमवार को दी गई। 9 कुंडीय यज्ञशाला में गोमिया पंचायत, पलिहारी पंचायत, सहित आसपास के दर्जनों गांव के लोगों ने शामिल होकर मनुष्य मात्र के उज्जवल भविष्य के लिए यज्ञ भगवान को आहुतियां प्रदान की। साथ ही अपने-अपने घरों से नशा रूपी राक्षस को भगा कर वेद मंत्र गायत्री का नियमीत रूप से जप करने का संकल्प लिया। इस दौरान लोगों ने तंबाकू, गुटका एवं शराब छोड़ने का संकल्प लेते हुए कहा कि इसमें होने वाले धन की बर्बादी को रोक कर उस धन से अपने बच्चों के शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर खर्च करेंगे।
इस अवसर पर 1008 दीपकों को प्रज्वलित कर वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य लिखित 3200 पुस्तकों को घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया। मौके पर शांतिकुंज प्रतिनिधि आचार्य जी ने कहा कि इस राष्ट्र को जीवंत और जागृत बनाने के लिए पूरे भारतवर्ष में गायत्री महायज्ञों की श्रृंखला चलाई जा रही है।
महायज्ञ में दर्जनों बच्चों का विद्यारंभ संस्कार, आधा दर्जन बच्चों का मुंडन संस्कार, आधा दर्जन बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार संपन्न कराया गया। साथ ही 90 लोगों ने वेदमंत्र गायत्री की दीक्षा ली और संकल्प लिया गया। मौके पर शांतिकुंज प्रतिनिधि आचार्य जी ने कहा कि इस राष्ट्र को जीवंत और जागृत बनाने के लिए पूरे भारतवर्ष में गायत्री महा सग्रहण कर मनुष्य मात्र के उज्जवल भविष्य एवं कल्याण के लिए नियमित तीन माला गायत्री महामंत्र जप का संकल्प ले। यहां शान्ति कुंज हरिद्वार से आए विद्वान आचार्यों को भव्य और भावभीनी बिदाई दी गई, बिदाई समारोह में युवा एक्टिविस्ट व्यवसाई अमर सोनी ने सभी आचार्यों को अंग वस्त्र और पुष्प माला पहना कर स्वागत के साथ विदाई दी गई,महायज्ञ को सफल बनाने जिप सदस्य डा सुरेंद्र राज, मुखिया बलराम रजक, राजकुमार यादव,रोहित यादव, महेश स्वर्णकार,शंकर वर्मा, ललित यादव, द्वारिका प्रसाद, पंच देव यादव,संजय स्वर्णकार,फागू स्वर्णकार,मालती देवी, रविंद्र प्रसाद,बिनोद यादव,रौशन स्वर्णकार, परमेश्वर स्वर्णकार,अजय पांडेय, विजय जायसवाल संदीप स्वर्णकार, प्रेम कुमार,लालू ,
सहित गायत्री परिवार के कई सदस्य उपस्थित थे.