कसमार गोमिया झारखण्ड बोकारो

प्रवासी मजदूर की मुंबई में मौत, गांव में पसरा सन्नाटा

रिपोर्ट : प्रशांत अम्बष्ठ

गोमिया (ख़बर आजतक): झारखंड के प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। एक दुखद घटना बोकारो जिला के चतरो चट्टी थाना क्षेत्र से सटे हजारीबाग जिले से सामने आई है।जहां बिष्णुगढ थाना क्षेत्र अंतर्गत गोविंदपुर के मजदूर की मुंबई में मौत हो गयी। वहीं इसकी खबर सुनने के बाद परिवार में गमगीन माहौल है।मिली जानकारी के अनुसार बिष्णुगढ थाना क्षेत्र अंतर्गत गोविंदपुर निवासी अंतु पंडित के 22 वर्षीय पुत्र नीलकंठ पंडित जो पिछले 30 ऑक्टूबर को घर से मुम्बई काम करने गया था।जहां 1 नवम्बर को सीढी से गिरने से गिरने से सर पर गंभीर चोट लगने से वह कौमा में चला गया।जिसे इलाज के लिए मुम्बई के साइन अस्पताल में भर्ती कराया गया।जहां सोमवार रात को मौत हो गयी।मौत की सूचना मिलते ही परिजनो का रो-रोकर बुरा हाल है।वही गांव मातम छा गया है।

बेरोजगारी के तड़पाये लोग समा रहे है मौत के मुंह में

इस घटना को लेकर प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली ने संवेदना प्रकट करते हुए करते हुए कहा कि झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है. रोजी-रोटी की तलाश में परदेस गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों की आये दिन मौत की खबर सामने आती रहती है।हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके से प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत की खबरें आ रही है।

कभी-कभी मौत के हफ्तों बाद लाश आता है घर

आपको बता दे कि प्रवासी मजदूरों की सबसे ज्यादा तादाद बोकारो, गिरिडीह और हजारीबाग जिले से है, जो रोजी कमाने के लिए दूसरे जगहों में जाते है. अपना घर छोड़कर परदेस गये इन मजदूरों की जिंदगी तो कष्ट में बीतती ही है, मौत के बाद भी उनकी रूह को चैन नसीब नहीं होती है. कभी-कभी तो लाश हफ्ते भर बाद आती है, ऐसे में सरकार को रोज़गार की ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए,जिससे मजदूरो का पलायन रोका जा सके।

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