SAIL BOKARO झारखण्ड बोकारो

बोकारो इस्पात समूह ने दिखाया अनुकरणीय समर्पण और एकजुटता

नितेश वर्मा, बोकारो

बोकारो (ख़बर आजतक) : बोकारो इस्पात संयंत्र के कर्मियों ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि संकट की घड़ी में भी उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता कर्तव्यों का निर्वहन, संयंत्र की सुरक्षा, संचालन की निरंतरता और जनहित की रक्षा है।

एक अभूतपूर्व परिस्थिति में 03 अप्रैल 2025 की रात से संयंत्र के सभी प्रवेश द्वार अवरुद्ध किए जाने के कारण न तो किसी को अंदर आने दिया जा रहा था और न ही बाहर निकलने दिया जा रहा था। इस तनावपूर्ण और चुनौतीपूर्ण स्थिति में संयंत्र के भीतर तैनात कर्मचारियों ने बिना विश्राम, नींद और भोजन के लगातार 30 घंटे तक संयंत्र के संचालन को सुरक्षित और स्थिर बनाए रखा।

गौरतलब है कि बोकारो इस्पात संयंत्र एक ताप-संवेदनशील (Thermo-sensitive) इकाई है, जहां एक जटिल गैस पाइपलाइन नेटवर्क स्थापित है, जो 24 घंटे कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल के अंतर्गत संचालित होता है। इस नेटवर्क की सेफ्टी सुनिश्चित करना न केवल संयंत्र, बल्कि एक व्यापक जन समुदाय की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। गेट बंदी की स्थिति के कारण ब्लास्ट फर्नेस, कोक ओवन, सिण्टर प्लांट, स्टील मेल्टिंग शॉप और हॉट स्ट्रिप मिल जैसी प्रमुख उत्पादन इकाइयों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। इसके बावजूद संयंत्र के भीतर मौजूद कर्मियों ने सीमित संसाधनों में भी संयम बरतते हुए सुरक्षा एवं नियंत्रण प्रणाली को पूरी मुस्तैदी और प्रतिबद्धता के साथ संचालित किया।

लगभग 5000 कर्मचारी, जिनमें बड़ी संख्या में संविदा कर्मी भी शामिल थे, संयंत्र परिसर में 30 घंटे से अधिक समय तक भूखे-प्यासे अपने परिवार से दूर रहकर, और विषम परिस्थितियों के बीच अपनी जिम्मेदारियों का पूरी निष्ठा से निर्वहन करते रहे। उनका यह अनुशासन, आत्मबल और समर्पण इस बात का जीवंत प्रमाण है कि बोकारो इस्पात संयंत्र केवल एक औद्योगिक इकाई नहीं, बल्कि सेवा, संकल्प और सामूहिक चेतना का प्रतीक है।

आज, जब स्थिति सामान्य होने की ओर अग्रसर है और संयंत्र पुनः अपने नियमित परिचालन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है, राष्ट्र संपत्ति की हिफाज़त और जन सामान्य की सुरक्षा के प्रति इनका जज़्बा हमेशा याद रखा जाएगा ।

कर्मचारियों की यह एकजुटता और समर्पण न केवल संगठन के मूल्यों को सुदृढ़ करता है, बल्कि सम्पूर्ण सेल परिवार की अद्वितीय प्रतिबद्धता को भी उजागर करता है। बोकारो इस्पात संयंत्र के कर्मियों ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब बात संगठन या राष्ट्रहित की हो, तब उनका साहस, सेवा-भाव और समर्पण अटल और अडिग है।

Related posts

दो दिवसीय प्राचार्य एवं शिक्षक प्रशिक्षण सत्र का आज हुआ समापन

admin

बेहतर शिक्षा से प्रदेश आगे बढ़ सकता है: सुदेश महतो

admin

बोकारो : रोटरी क्लब ऑफ बोकारो के सदस्यों नें रक्तदान कर मनाया स्वतंत्रता दिवस

admin

Leave a Comment