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बोकारो: संत जेवियर विद्यालय में धूमधाम से मनाया गया इग्नासियुस लोयोला का पर्व

बोकारो (खबर आजतक): शुक्रवार को संत जेवियर विद्यालय, बोकारो स्टील सिटी के प्रांगण में येसु समाज के संस्थापक संत इग्नासियुस लोयोला का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया।
संत इग्नासियुस ने येसु ख्रीस्त के जीवन और कार्य से प्रेरणा ली। अपनी जीवनशैली और धार्मिकता में ख्रीस्त को अपनाया। संत इग्नासियुस लोयोला की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए छात्रों ने बताया कि 23 अक्टूबर 1491 में स्पेन में जन्मे इग्नासियुस एक संपन्न ‌कुलीन घराने के थे। वे सेना में भी थे। इसी क्रम में युद्ध के दौरान उनके पांव में गोली लगी। वह जख्मी हो गए। बाद में उनके पैर का ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन के बाद उनका पैर ऊपर-नीचे होने पर उन्होंने चिकित्सकों को पुन: आपरेशन करने को कहा, ताकि वे फिर से लोगों के साथ खेल सकें। दोबारा ऑपरेशन के बाद इग्नासियुस ने स्वास्थ्य लाभ के लिए एक गुफा में शरण लिया। इस दौरान उन्होंने राजा , महाराजा और संतों की जीवनी पर पुस्तकों का अध्ययन किया। अध्ययन से उनके दिल में यह तीव्र जिज्ञासा हुई कि यदि अन्य व्यक्ति संत बन सकते हैं तो मैं क्यों नहीं संत बन सकता? इस महत्वपूर्ण और बड़े बदलाव के लिए उन्होंने खुद को शिक्षित करने की ठानी। 32 वर्ष की आयु में वे स्पेन के बार्सिलोना में शिक्षा प्राप्त करने गए। 45 वर्ष की आयु में मास्टर डिग्री हासिल की। 1529 में शिक्षा के माध्यम से समाज के लोगों में व्यापक बदलाव लाने के लिए येसु समाज की स्थापना की। 1548 ई. में अपनी धार्मिकता को एक पुस्तक में एकत्रित किया और 1554 में येसु समाज का संविधान लिखा। इस समारोह का आरंभ विद्यालय में नौ दिनों पहले ही नोविना के द्वारा शुरू हो गया था। प्रत्येक दिन बच्चे प्रार्थना सभा में संत इग्नासियुस के मौलिक सिद्धांतों के विषय में जानकारी देकर सभी छात्रों को प्रोत्साहित करते रहे। आज की इस सभा में येशु समाज से जुड़े विद्यालय में कार्यरत फादर मनोज रोशन, फादर निर्मल, ब्रदर रेमंड, सिस्टर बेंसी तथा सिस्टर उषस को फूलों का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया गया। इसके बाद विद्यार्थियों ने एक मधुर तथा भक्तिमय प्रार्थना गीत गाया। बालिकाओं ने नृत्य प्रस्तुत किया और संत इग्नासियुस के जीवन पर आधारित एक नाटक प्रस्तुति की गई जिसमें विद्यार्थियों ने अत्यंत रूचि और उल्लास के साथ भाग लिया। मध्य विद्यालय की उप-प्रधानाचार्या सिस्टर बेंसी, फादर मनोज तथा शिक्षक संजय पटनायक जी ने बच्चों को संबोधित करते हुए बच्चों को संत लोयला को अपना आदर्श मानकर उनके पद चिन्हों पर चलने की शिक्षा दी। उन्होंने विद्यार्थियों को ईमानदार,अनुशासित तथा मेहनती बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

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