रिपोर्ट : नितीश मिश्र
राँची/नई दिल्ली(खबर_आजतक): दिल्ली पूरे देश की राजधानी है यहाँ से देश के विभिन्न प्रदेशों, केंद्र शासित प्रदेशों, आदि का क्रियान्वयन किया जाता है। दिल्ली का मुख्य केंद्र बिंदु कनॉट प्लेस है जिसको ब्रिटिश राज के समय से ही देश का दिल कहा जाता है। झारखण्ड सरकार की पहल थी कि इस स्थान पर झारखण्ड का अपना अस्तित्व, कार्यालय या उपलब्धता रहे। विदित हो कि पूर्व से झारखण्ड सरकार का भवन दिल्ली के बसंत विहार में स्थित है। कनॉट प्लेस केंद्र होने के कारण सबसे लोकप्रिय माना जाता है। जहाँ पर मंगलवार को झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने न्यू झारखण्ड भवन का उद्घाटन किया। बंगला साहिब रोड स्थित नए भवन का निर्माण भवन निर्माण विभाग झारखण्ड सरकार द्वारा किया गया है।
इस अवसर पर हेमंत सोरेन ने कहा कि यह भवन बहुत दिनों से प्रतीक्षारत था। आज इसका उद्घाटन हमारे लिए गौरवान्वित होने की बात है। हमारी इस नई इमारत में नई अत्याधुनिक तकनीकी जिसमें जिम, डाइनिंग हॉल, कॉन्फ्रेंस हॉल और पार्किंग की विशिष्ट सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। हमारी इमारत विशिष्ट तकनीक से सुसज्जित है जिसमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग और एनर्जी एफिशिएंसी का भी विशेष ध्यान रखा गया है। कनॉट प्लेस में अवस्थित होना और रेलवे, बस स्टॉप, मेट्रो, हॉस्पिटल आदि से नजदीकी इसे और भी प्रभावशाली बनाती है। इसके शुरू होने से झारखण्ड के निवासियों के लिए आसानी रहेगी।
इस अवसर पर मंत्री रामेश्वर उराँव, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, मंत्री हफीजुल हसन, मंत्री रामदास सोरेन, मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह, मंत्री मिथिलेश ठाकुर, मंत्री इरफ़ान अंसारी, मंत्री बेबी देवी, मंत्री दीपक बिरुवा, विधायक कल्पना सोरेन, विधायक उमाशंकर अकेला, लोकसभा सांसद कालीचरण मुण्डा, राज्यसभा सांसद महुआ मांझी, धीरज साहू भूतपूर्व राज्य सभा सदस्य, सुबोधकांत सहाय भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री, मुख्य सचिव झारखण्ड एल खियांग्ते, अलका तिवारी सचिव भारत सरकार, अपर मुख्य सचिव\मुख्य स्थानिक आयुक्त अविनाश कुमार, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव, मुख्य मंत्री के सलाहकार विमल घोष, झारखण्ड सरकार के प्रधान सचिव प्रवीण टोप्पो, झारखण्ड सरकार के प्रधान सचिव सुनील कुमार, झारखण्ड सरकार के सचिव मनोज कुमार, भवन निर्माण सचिव अरवा राजकमल, मुख्य प्रशासिक पदाधिकारी झारखण्ड भवन शहंशाह अली खान आदि उपस्थित थे।
इस उद्घाटन समारोह में झारखण्ड के लोक नृत्य की रंगारंग प्रस्तुति भी की गई जिसमें उराँव आदिवासी नृत्य, मुण्डा आदिवासी नृत्य, हो आदिवासी नृत्य, संथाली आदिवासी नृत्य की प्रस्तुति ने सभी का मनमोह लिया।