रिपोर्ट : नितीश मिश्र
राँची(खबर_आजतक): काँके रोड सरना समिति के बैनर तले शुक्रवार को अपने परंम्पारिक वेशभूषा, ढाक नगाड़ो एवं आदिवासियों के धार्मिक, सामाजिक जमीनों को संरक्षण हेतू नारों के साथ काँके रोड चाँदनी चौक से मुख्यमंत्री आवास तक पेैदल मार्च कार्यक्रम किया गया।
इस अवसर पर काँके रोड सरना समिति के अध्यक्ष डब्लू मुण्डा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस के दिन पूरे आदिवासी समाज अपने आपको गर्व महसुस करते है मगर आज आजादी के 75 साल होने को है मगर अभी तक आदिवासियों को अपना मूल पहचान नही मिला है। यह अत्यंत दुर्भाग्य है आदिवासो के लिए।
वहीं कार्यकारी अध्यक्ष शशि मुण्डा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस मनाने का असली मकसद आदिवासियों को एक सूत्र में बाँधना और अपने धार्मिक, सामाजिक हक अधिकार के प्रति जागरूक करना है।
साथ ही संरक्षक सोनू खलखों ने कहा कि आज आदिवासियों समाज के ऊपर चौतरफा हमला हो रही है। उनके धार्मिक सामाजिक जमीनों को लूटा जा रहा है, पाँचवी अनुसूची क्षेत्र का धड़ल्ले से उल्लंघन किया जा रहा है, वनाधिकार कानून का पालन नही किया जा रहा है। आदिवासियों का अधिकार है जिसे हम सभी को समझना आवश्यक है।
इस अवसर पर सचिव सतीश खलखों ने कहा कि आदिवासी समाज को अपने सामाजिक,धार्मिक एवं संवैधानिक हक – अधिकार को जानना और समझना होगा तभी आदिवासी समाज अपने आपको सुरक्षित कर पाएँगे।
इस पैदल मार्च कार्यक्रम में अध्यक्ष डब्लू मुण्डा, कार्यकारी अध्यक्ष शाशि मुण्डा, उपाध्यक्ष सतीश खलखों, सलाकार प्रकाश टोप्पो, महासचिव राजेश लकड़ा, सचिव रंजीत टोप्पो, उप सचिव लखन मुण्डा, कार्यकारणी सदस्य अमन हेमरोम, अमित खखलों, मंटू मुण्डा उपस्थित थे।