रिपोर्ट : नितीश मिश्र
राँची(खबर_आजतक): झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वाणिज्य और वित्तीय अध्ययन विभाग (DCFS) में “संघ बजट 2024 और व्यक्तिगत कर योजना” पर एक जानकारीपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें विभाग के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। इस संगोष्ठी में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज के डीन और DCFS के प्रमुख डॉ. बटेश्वर सिंह और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. के.बी. सिंह द्वारा सारगर्भित प्रस्तुतियाँ दी गईं। प्रो डॉ. बटेश्वर सिंह ने व्यक्तिगत कर योजना पर अपने व्याख्यान में संघ बजट 2024 में पेश किए गए नए कर स्लैब के लाभों को उजागर किया और बताया कि कैसे करदाता ₹17,500 तक की कर बचत कर सकते हैं। अगर आपकी आय ₹5,00,000 है, तो पुरानी कर व्यवस्था के तहत आपको कोई कर नहीं देना होगा। लेकिन यदि आपकी आय ₹100 बढ़कर ₹5,00,100 हो जाती है, तो आपको ₹13,021 का कर चुकाना होगा।
वहीं डॉ. बटेश्वर सिंह ने यह भी समझाया कि जब सकल कुल आय ₹15,00,000 होती है, तब कुल कर देयता क्या होगी। उन्होंने बताया कि यदि आप वेतनभोगी हैं और धारा 80सी, 80डी, स्टैंडर्ड डिडक्शन और एचआरए छूट का लाभ ले रहे हैं, तो पुरानी कर व्यवस्था को अपनाना बेहतर है। यदि आप धारा 80सी, 80डी और स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत सामान्य कटौतियों का दावा कर रहे हैं, तो नई कर व्यवस्था को अपनाने का सुझाव दिया गया और यदि आप कोई कटौती नहीं ले रहे हैं, तो नई कर व्यवस्था को अपनाना उचित होगा।
डॉ. के.बी. सिंह ने संघ बजट 2024 का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत किया। इसके व्यापक आर्थिक प्रभावों और सरकार की वित्तीय नीतियों और विकास लक्ष्यों के साथ इसके संरेखण पर चर्चा की। उनके प्रस्तुतीकरण में उपस्थित लोगों को बजट के विभिन्न क्षेत्रों और समग्र अर्थव्यवस्था पर संभावित प्रभाव की गहरी समझ प्रदान की। संगोष्ठी अत्यधिक जानकारीपूर्ण और इंटरएक्टिव रही, जिसमें प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से चर्चा में भाग लिया और विभिन्न पहलुओं पर स्पष्टीकरण माँगा।
यह कार्यक्रम महत्वपूर्ण वित्तीय मामलों पर प्रतिभागियों को शिक्षित करने में सफल रहा जिससे उन्हें बेहतर सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाया गया। झारखण्ड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वाणिज्य और वित्तीय अध्ययन विभाग इस तरह की पहलों के माध्यम से ज्ञान और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे अपने छात्रों और संकाय की शैक्षणिक और व्यावसायिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान होता है। इस कार्यक्रम में अन्य विभाग के शिक्षक और छात्रों ने भी इसका लाभ लिया।
इस कार्यक्रम में छात्र और शोधार्थी भी मौजूद थे जिसमें डॉक्टर अजय प्रताप यादव, डॉ प्रणय पराशर, डॉ. विजय कुमार यादव, डॉ. अमित कुमार, डॉ. शिपली राज, डॉ. शशि सिंह, डॉ. मानवि यादव मौजूद थे।